
देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय में प्रशासनिक संकट गहराता जा रहा है, जब आईएएस अधिकारी मीनाक्षी सुंदरम के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर सचिवालय संघ ने शुक्रवार को आधे दिन के कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। संघ ने कहा कि यह कदम तब तक जारी रहेगा, जब तक दोषी आरोपी, बॉबी पंवार और उनके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती। आईएएस एसोसिएशन ने भी मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है, और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात की है।
सचिवालय संघ का आधे दिन कार्य बहिष्कार
उत्तराखंड सचिवालय संघ ने शुक्रवार को आधे दिन के लिए कार्य बहिष्कार का फैसला लिया, और सचिवालय कर्मचारियों ने इस दौरान अपनी ड्यूटी से विरत रहने की घोषणा की। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में पूर्ण कार्य बहिष्कार किया जा सकता है। सचिवालय संघ के महासचिव राकेश जोशी ने कहा कि सचिवालय में कार्यवाही बंद रहने के अलावा वे आईएएस अधिकारियों से भी उम्मीद करते हैं कि वे भी अपने दफ्तरों में न बैठें।
आईएएस एसोसिएशन की मुख्य सचिव से मुलाकात
इस विवाद में आईएएस एसोसिएशन भी सक्रिय हो गई है, और संघ के प्रतिनिधियों ने मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने बॉबी पंवार और उनके साथियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। एसोसिएशन ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे एक गंभीर प्रशासनिक उल्लंघन बताया। पहले ही एसोसिएशन ने पत्र लिखकर आरोपों को निराधार बताते हुए घटनाक्रम की आलोचना की थी, लेकिन अब उन्होंने मुख्य सचिव से मिलकर इस मामले में जल्द कार्रवाई की अपेक्षा जताई है।
इसके अलावा, आईएएस एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात की, जिन्होंने मामले को गंभीरता से लिया। मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन से कहा कि वे इस मुद्दे को नियमानुसार सुलझाएंगे और राज्य की जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे।
पीसीएस एसोसिएशन का भी विरोध
इसी बीच, पीसीएस एसोसिएशन ने भी इस मामले की निंदा की और शुक्रवार को मुख्य सचिव से मुलाकात करने का निर्णय लिया। पीसीएस एसोसिएशन ने एकजुटता दिखाते हुए इस प्रशासनिक घोटाले के खिलाफ अपनी आवाज उठाई और इसे राज्य प्रशासन के लिए शर्मनाक बताया।
पुलिस जांच में तेजी
इस बीच, उत्तराखंड पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच अधिकारी गुरुवार को सचिवालय पहुंचे और आईएएस अधिकारी मीनाक्षी सुंदरम के स्टाफ से पूछताछ की। पुलिस ने घटनाक्रम से जुड़े तथ्यों की जांच के लिए सचिवालय के आसपास के कार्यालयों के कर्मियों से भी बयान लिए। साथ ही, ऊर्जा सचिव के कार्यालय के आसपास के रास्तों और दफ्तरों का मैप तैयार किया गया है ताकि मामले के सभी पहलुओं की जांच की जा सके।
क्या है पूरा मामला?
6 नवंबर को ऊर्जा सचिव आईएएस मीनाक्षी सुंदरम ने बॉबी पंवार समेत तीन व्यक्तियों पर आरोप लगाया था कि वे सचिवालय में उनके कार्यालय में घुसकर उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे और उनके निजी सचिवों के साथ धक्का-मुक्की की। मीनाक्षी सुंदरम का आरोप था कि बॉबी पंवार टेंडर संबंधी मामलों में दबाव बना रहे थे और जब उन्होंने इनकार किया, तो पंवार ने अपशब्द कहे और उनकी गरिमा का उल्लंघन किया।
वहीं, बॉबी पंवार ने आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि वह केवल ऊर्जा सचिव से यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव को सेवा विस्तार देने संबंधी आदेश की कॉपी मांगने गए थे। पंवार ने दावा किया कि एक महीने पहले उन्होंने अनिल यादव के भ्रष्टाचार के सबूत ऊर्जा सचिव को सौंपे थे, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और उन्हें सेवा विस्तार दे दिया गया।
यह विवाद अब प्रशासनिक गलियारों में तूल पकड़ता जा रहा है, और देखना होगा कि सरकार इस मामले में किस तरह की कार्रवाई करती है।