
देहरादून, 28 नवंबर 2024 – उत्तराखंड में नगर निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। जहां नगर निकाय चुनाव दिसंबर 2024 के अंत तक कराने की योजना है, वहीं त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव अगले छह महीने के लिए टल गए हैं।
निकाय चुनाव: तैयारियां अंतिम चरण में
प्रदेश के 102 नगर निकायों के चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग पूरी तरह तैयार है। शहरी विकास विभाग और आयोग ने निकाय चुनाव से संबंधित सभी तैयारियां, जैसे वोटर लिस्ट और चुनावी प्रक्रिया, पूरी कर ली हैं।
ओबीसी आरक्षण नियमावली को लेकर अब केवल राजभवन से मंजूरी का इंतजार है। एक बार मंजूरी मिलने के बाद, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नियमावली को अनुमोदित करेंगे, जिसके बाद आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस प्रक्रिया के पूरा होने पर चुनावी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने कहा, “आरक्षण प्राप्त होते ही अधिसूचना जारी की जाएगी और 25 से 30 दिनों में चुनाव संपन्न होंगे।”
त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल समाप्त
हरिद्वार जिले को छोड़ प्रदेश के 12 जिलों में ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। पंचायतों को अगले छह महीनों के लिए प्रशासकों के हवाले कर दिया गया है।
हालांकि, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी पहले से जारी है। आयोग ने परिसीमन की प्रक्रिया अक्टूबर में ही पूरी कर ली थी और मतदाता सूची की अधिसूचना भी जारी कर दी थी। 17 जनवरी 2025 को पंचायतों की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा।
निकाय चुनाव में देरी से बढ़ सकती हैं चुनौतियां
अगर निकाय चुनाव दिसंबर में नहीं होते, तो यह प्रक्रिया अगले वर्ष तक खिंच सकती है। जनवरी 2025 में मतदाता सूची को अपडेट करना होगा, जिससे एक महीने का समय लगेगा। फरवरी-मार्च में बोर्ड परीक्षाओं के चलते चुनाव कराना संभव नहीं होगा। इसलिए, सरकार और निर्वाचन आयोग इस साल के अंत तक चुनाव कराने पर जोर दे रहे हैं।
महत्वपूर्ण आंकड़े: नगर निकाय चुनाव
- नगर निकायों की संख्या: 102
- कुल वार्ड: 1,309
- मतदाता: 30,58,299 (15,77,228 पुरुष, 14,80,528 महिला, 543 अन्य)
- मतदान केंद्र: 3,458
सरकार और आयोग की प्राथमिकता
सरकार निकाय चुनाव को समय पर पूरा कर 2025 में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। इससे राज्य में प्रशासनिक कार्यकुशलता सुनिश्चित होगी। राज्य निर्वाचन आयोग भी इस बात को लेकर आश्वस्त है कि सभी चुनाव प्रक्रिया तय समय पर पूरी कर ली जाएगी।
निष्कर्ष:
निकाय चुनाव को समय पर संपन्न कराने और पंचायत चुनाव को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने की सरकार की योजना, उत्तराखंड में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।