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“बीजेपी विधायक दिलीप रावत ने वन अधिनियम में संशोधन के लिए विशेष सत्र बुलाने की की मांग, नहीं हुआ तो नहीं लेंगे सत्र में हिस्सा”

"BJP MLA Dilip Rawat demanded to call a special session to amend the Forest Act, if it does not happen then he will not participate in the session"

देहरादून, 28 नवंबर 2024 – लैंसडाउन से बीजेपी विधायक दिलीप रावत ने वन अधिनियम में संशोधन की मांग को लेकर राज्य सरकार पर दबाव डालते हुए विधानसभा में एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की जाती, तो वह आगामी किसी भी विधानसभा सत्र में भाग नहीं लेंगे।

विधायक रावत ने इस मुद्दे को लेकर पहले भी सरकार से विचार करने का अनुरोध किया था। हाल ही में गैंरसैण में हुए विधानसभा सत्र में भी उन्होंने मानव-वन्यजीव संघर्ष और वन अधिनियम में अव्यवहारिकताओं के कारण होने वाली समस्याओं को उठाया था। उन्हें उस समय सरकार की तरफ से इस मामले पर विचार करने का आश्वासन मिला था, जिसे अब वह कार्यान्वयन में देखना चाहते हैं।

रावत का कहना है कि वन अधिनियम जो कभी उत्तराखंड के लोगों के लिए वरदान होना चाहिए था, वह अब विकास में सबसे बड़ा अवरोधक बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के ग्रामीणों को वन अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता है, ताकि उनकी रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान हो सके।

इसके साथ ही विधायक ने चेतावनी दी कि यदि राज्य सरकार उनके अनुरोध पर विधानसभा का विशेष सत्र नहीं बुलाती है, तो वह आगामी किसी भी सत्र में भाग नहीं लेंगे। उनका यह कदम राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष के बढ़ते मामलों और वन अधिनियम की अव्यवहारिकता को लेकर प्रदेशवासियों की परेशानियों के समाधान के लिए है।

रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर विश्वास जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस मामले पर गंभीरता से विचार करेंगे और विधानसभा में चर्चा के लिए एक दिन का विशेष सत्र बुलाएंगे।

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