देहरादून में बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने, पीएम मोदी पर टिप्पणी से मचा बवाल
BJP and Congress face to face in Dehradun, uproar over comments on PM Modi

देहरादून: बिहार की एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का विवाद अब उत्तराखंड तक पहुँच गया है। सोमवार, 1 सितंबर को राजधानी देहरादून में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस मुख्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। देखते ही देखते माहौल इतना गरमाया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
बैरिकेड के बावजूद भिड़े कार्यकर्ता
सुबह से ही बीजेपी कार्यकर्ता जुलूस की शक्ल में कांग्रेस भवन की ओर बढ़ने लगे। पुलिस ने संभावित टकराव को देखते हुए एश्ले हॉल चौक और कनक चौक पर बैरिकेडिंग कर रखी थी। बावजूद इसके, कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए कांग्रेस दफ्तर की ओर बढ़े और कुछ बैरिकेड तोड़कर आगे निकल गए। इसी बीच कांग्रेस कार्यकर्ता भी मोर्चे पर आ गए और दोनों पक्षों के बीच नारेबाजी शुरू हो गई।
नारेबाजी से गर्म हुआ माहौल
करीब आधे घंटे तक कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नारेबाजी होती रही। कांग्रेस कार्यकर्ता “वोट चोर गद्दी छोड़ो” के नारे लगा रहे थे, तो बीजेपी कार्यकर्ता “राहुल गांधी चोर है” कहकर गरजते रहे। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और पुलिस को दोनों पक्षों को अलग करना पड़ा।
बीजेपी का आरोप – कांग्रेस ने की गुंडागर्दी
बीजेपी नेता और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने आरोप लगाया कि उनके कार्यकर्ता शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने लाठी-डंडों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, “हमने सोचा था कि कांग्रेस पीएम पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगेगी, लेकिन उन्होंने हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया। यह कांग्रेस का असली चेहरा है।”
कांग्रेस का पलटवार – बीजेपी बना रही मुद्दे को हथियार
कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी इस पूरे मामले को राजनीतिक लाभ के लिए उछाल रही है। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा, “हम प्रधानमंत्री की माताजी का सम्मान करते हैं, लेकिन बीजेपी विवाद को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है ताकि जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटाया जा सके।” उन्होंने यह भी बताया कि रैली के बाद नारेबाजी करने वाले कुछ लोग पकड़े गए हैं और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस की सख्त निगरानी
स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात कर दिया। कांग्रेस और बीजेपी कार्यालयों के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन एहतियातन नजर रखी जा रही है।
बढ़ सकती है राजनीतिक तल्खी
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद केवल एक रैली की टिप्पणी तक सीमित नहीं रहेगा। आने वाले दिनों में यह मुद्दा उत्तराखंड की राजनीति को और गरमा सकता है। जनता के बीच यह सवाल उठ रहा है कि आखिर कब नेता एक-दूसरे पर आरोप लगाने के बजाय जनता के असली मुद्दों पर ध्यान देंगे।