हरिद्वार भगदड़ के बाद प्रशासन का बड़ा कदम, मंदिर मार्ग होंगे वन-वे, अतिक्रमण हटेगा
Big step of the administration after Haridwar stampede, temple routes will be one-way, encroachment will be removed,

हरिद्वार 30 जुलाई 2025: मनसा देवी मंदिर में 27 जुलाई को हुई भगदड़ की घटना के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। हादसे में आठ श्रद्धालुओं की मृत्यु और कई के घायल होने के बाद जिला प्रशासन, वन विभाग, विद्युत विभाग और मंदिर समिति ने मिलकर सुधारात्मक कदम उठाने की दिशा में तेज़ी से काम शुरू कर दिया है। मंगलवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका उद्देश्य भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना है।
मंदिर मार्गों पर लागू होगा वन-वे सिस्टम
बैठक में सबसे बड़ा फैसला यह लिया गया कि मनसा देवी और चंडी देवी मंदिरों को जाने वाले मार्गों को अस्थायी रूप से एकतरफा (वन-वे) कर दिया जाएगा। इससे श्रद्धालुओं की आवाजाही में संतुलन बना रहेगा और आमने-सामने की टकराव की स्थिति से बचा जा सकेगा। राजाजी टाइगर रिजर्व और वन विभाग को इन रास्तों की मरम्मत और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
अवैध कनेक्शन और अतिक्रमण पर कार्रवाई
बिजली विभाग सभी अवैध विद्युत कनेक्शन को चिन्हित कर उन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू करेगा। इसके साथ ही मंदिर मार्गों और पैदल रास्तों पर किए गए अतिक्रमण को हटाने का भी निर्णय लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि ये कार्रवाई श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।
मंदिर परिसर में प्राथमिक चिकित्सा केंद्र
बैठक में यह भी तय किया गया कि मंदिर परिसर में एक प्राथमिक चिकित्सा केंद्र (डिस्पेंसरी) स्थापित किया जाएगा। इसका संचालन मंदिर समिति द्वारा किया जाएगा। यह सुविधा आपातकालीन स्थिति में तीर्थयात्रियों को त्वरित इलाज उपलब्ध कराएगी, खासकर भीड़भाड़ के दौरान।
भीड़ नियंत्रण और आधारभूत सुविधाएं
हरिद्वार के एसपी सिटी पंकज गैरोला ने बताया कि मंदिर समिति के साथ मिलकर भीड़ नियंत्रण की रणनीति बनाई गई है। वन-वे सिस्टम को प्रभावी मानते हुए भविष्य में इसकी समीक्षा की जाएगी। राज्य मंत्री ओमप्रकाश जमदग्नि ने मंदिर मार्गों पर शौचालय और विश्राम शेड लगाने की घोषणा की, ताकि तीर्थयात्रियों को सुविधाएं मिल सकें।
मंदिर समिति का सहयोग
चंडी देवी मंदिर के महंत भवानी नंदन गिरी ने प्रशासन के फैसलों का समर्थन करते हुए सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मंदिर समिति भीड़ प्रबंधन को लेकर पहले से प्रयास कर रही है और अब प्रशासन के साथ मिलकर बेहतर व्यवस्था की दिशा में काम किया जाएगा।
जांच के आदेश और भविष्य की तैयारी
घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट में करंट फैलने की अफवाह को भगदड़ की वजह माना गया है। सरकार और प्रशासन ने तीर्थ स्थलों की सुरक्षा और व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए एकजुट होकर काम शुरू कर दिया है।