केदारनाथ धाम में डिजिटल दर्शन की शुरुआत, आस्था पथ पर लगे एलसीडी स्क्रीन से मिलेगा भक्तों को नया अनुभव
Digital Darshan begins in Kedarnath Dham, devotees will get a new experience from the LCD screen installed on Aastha Path

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के पवित्र केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं के लिए एक नई तकनीकी पहल की गई है, जिससे अब भक्तों को भगवान शिव के दर्शन डिजिटल रूप में भी उपलब्ध होंगे। जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के संयुक्त प्रयासों से मंदिर परिसर और आस्था पथ पर एलसीडी स्क्रीन लगाई गई हैं, जिन पर बाबा केदारनाथ के लाइव दर्शन, पौराणिक कथाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रसारित किए जा रहे हैं।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक रूप से अधिक गहराई से जोड़ना और यात्रा को अधिक सुगम व व्यवस्थित बनाना है। जिले के पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने जानकारी दी कि आस्था पथ पर 50 इंच की 10 एलसीडी स्क्रीनों की स्थापना की गई है, जबकि मंदिर परिसर में 10×20 फीट की एक बड़ी स्क्रीन भी लगाई गई है, जिससे मंदिर के भीतर चल रही गतिविधियों की झलक बाहरी श्रद्धालुओं को भी मिल सके।
भीड़ में भी मिलेगा सजीव दर्शन का लाभ
केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को कई बार लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ता है, जिससे गर्भगृह तक पहुंचना कठिन हो जाता है। ऐसे में ये डिजिटल स्क्रीन्स उन्हें बाहर से ही सजीव दर्शन की सुविधा प्रदान कर रही हैं। इसके साथ ही स्क्रीन पर भगवान शिव से जुड़ी पौराणिक कथाएं, धार्मिक मान्यताएं और स्थानीय सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दिखाई जा रही हैं।
असहाय श्रद्धालुओं के लिए उपयोगी पहल
यह पहल विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए भी लाभकारी है जो शारीरिक रूप से असमर्थ हैं या अत्यधिक भीड़ में गर्भगृह तक नहीं जा सकते। अब वे आस्था पथ पर खड़े होकर ही बाबा के दर्शन कर सकते हैं और भक्ति का आनंद ले सकते हैं।
यात्रा से जुड़ी जरूरी जानकारी भी होगी उपलब्ध
एलसीडी स्क्रीन पर धार्मिक कार्यक्रमों के साथ-साथ मौसम की जानकारी, स्वास्थ्य से जुड़े निर्देश, यात्रा मार्गदर्शन और आपातकालीन नंबर भी प्रदर्शित किए जाएंगे। इससे श्रद्धालुओं को सुरक्षा और सुविधा दोनों मिलेगी।
सोनप्रयाग में भी लगेगी बड़ी स्क्रीन
इस परियोजना के अगले चरण में सोनप्रयाग में एक बड़ी डिजिटल स्क्रीन लगाने की योजना है, ताकि यात्रा प्रारंभ करने से पूर्व ही श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर सकें और जरूरी जानकारियां प्राप्त कर सकें।
यह पहल धार्मिक पर्यटन को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम है।



