उत्तराखंड में लोकल उत्पादों को बढ़ावा, सरकारी आयोजनों में SHG उत्पाद होंगे अनिवार्य
Promotion of local products in Uttarakhand, SHG products will be mandatory in government events

देहरादून: उत्तराखंड सरकार राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना” के अंतर्गत राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) के उत्पादों को प्राथमिकता देने की घोषणा की।
महिला समूहों के स्टॉल का निरीक्षण और संवाद
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सचिवालय परिसर में लगे रक्षाबंधन स्टॉलों का निरीक्षण किया और राज्यभर की महिलाओं से वर्चुअल संवाद किया। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सरकारी कार्यक्रमों में केवल SHG द्वारा तैयार शॉल, स्मृति चिन्ह और उपहार ही उपयोग में लाए जाएं। साथ ही, SHG की महिलाओं को ग्रोथ सेंटर में प्रशिक्षण देने, उनके उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने और आकर्षक पैकेजिंग पर विशेष जोर देने के निर्देश भी दिए गए।
SHG से जुड़ी लाखों महिलाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में अब तक 68 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह गठित हो चुके हैं, जिनसे लगभग 5 लाख महिलाएं जुड़ी हैं। ये समूह न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहे हैं, बल्कि राज्य की आर्थिक प्रगति में भी अहम योगदान दे रहे हैं। धामी ने कहा कि लक्ष्य है कि ये महिलाएं “लखपति दीदी” से “करोड़पति दीदी” की दिशा में बढ़ें।
रक्षाबंधन योजना बनी सफलता की मिसाल
सीएम धामी ने बताया कि 2023 में शुरू की गई “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना” के तहत रक्षाबंधन के दौरान महिलाओं ने 27 हजार से अधिक स्टॉल लगाकर 7 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री की थी। इस सफलता को देखते हुए योजना का दायरा बढ़ाया जा रहा है।
लोकल को ग्लोबल बनाने की पहल
राज्य के 13 जिलों में 33 नैनो पैकेजिंग यूनिट्स, 17 सरस सेंटर, 3 विपणन केंद्र और 8 बेकरी यूनिट्स संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही, चारधाम यात्रा मार्गों और देहरादून-हरिद्वार रेलवे स्टेशनों पर SHG उत्पादों की बिक्री के लिए विशेष स्टॉल स्थापित किए गए हैं।
ब्रांडिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोर
सरकार ‘Hilans’ और ‘House of Himalayas’ ब्रांड के माध्यम से इन उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहचान दिला रही है। साथ ही, महिला समूहों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़कर ऑनलाइन बिक्री को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के “वोकल फॉर लोकल” विजन को साकार करते हुए राज्य सरकार स्थानीय उत्पादों के उपयोग को जीवनशैली का हिस्सा बना रही है। इससे न केवल महिला सशक्तिकरण को बल मिलेगा, बल्कि उत्तराखंड के पारंपरिक उत्पादों को भी नई पहचान मिलेगी।