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उत्तराखंड में फूटा पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा, आतंकी हमले पर राज्यभर में विरोध प्रदर्शन

Anger erupted against Pakistan in Uttarakhand, protests held across the state over terrorist attack

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्सा देखा जा रहा है, और उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा। जैसे ही इस हमले की खबर फैली, राज्यभर में लोगों का आक्रोश सड़कों पर नजर आया। आम जनता से लेकर सामाजिक संगठन, पूर्व सैनिक और छात्र समुदाय तक ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए।

हर जिले में विरोध की लहर

उत्तराखंड के देहरादून, नैनीताल, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ समेत कई जिलों में लोग सड़कों पर उतरे। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की और तख्तियों के जरिए अपना आक्रोश जाहिर किया। कुछ स्थानों पर लोगों ने पाकिस्तानी झंडे को जलाकर अपना रोष प्रकट किया, वहीं शहीद हुए जवानों के सम्मान में मौन रख श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

युवाओं और छात्रों में दिखा जोश

राज्य के युवाओं और कॉलेज छात्रों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। उन्होंने इस हमले को कायरतापूर्ण बताते हुए कहा कि अब सहनशीलता की सीमा पार हो चुकी है। कई जगहों पर रैलियां और कैंडल मार्च निकाले गए। सोशल मीडिया पर भी छात्रों ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए ‘#JusticeForSoldiers’ और ‘#StopTerror’ जैसे हैशटैग के साथ पोस्ट किए।

पूर्व सैनिकों की कड़ी प्रतिक्रिया

राज्य के पूर्व सैनिकों ने भी हमले पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंक को बढ़ावा देता रहा है और अब समय आ गया है कि भारत इससे निर्णायक तरीके से निपटे। पूर्व सैनिक संगठनों ने केंद्र सरकार से सख्त सैन्य कार्रवाई की मांग की है ताकि दुश्मन को स्पष्ट संदेश मिल सके।

राजनीतिक दलों ने भी की निंदा

उत्तराखंड के कई राजनीतिक नेताओं ने भी इस हमले को निंदनीय बताया और कहा कि पाकिस्तान की मंशा स्पष्ट है – भारत की शांति भंग करना। उन्होंने एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ कठोर नीति अपनाने की बात कही।

पहलामग में हुआ आतंकी हमला सिर्फ एक सैन्य घटना नहीं, बल्कि पूरे देश की आत्मा को झकझोर देने वाला हादसा है। उत्तराखंड की जनता ने एकजुट होकर यह स्पष्ट कर दिया है कि अब देश को आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ बयान नहीं, बल्कि निर्णायक कदमों की आवश्यकता है।

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