
देहरादून: उत्तराखंड में आंगनबाड़ी वर्करों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। लंबे समय से मानदेय बढ़ोतरी की मांग कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जब सरकार से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला, तो उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा। सोमवार को प्रदेशभर से सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी वर्करों ने देहरादून में एकजुट होकर मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया। हालांकि, प्रशासन ने हाथीबड़कला में भारी पुलिस बल तैनात कर बैरिकेडिंग के जरिए उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया, जिससे गुस्साई महिलाएं वहीं धरने पर बैठ गईं।
पुलिस ने रोका तो सड़क पर बैठीं वर्कर
सुबह से ही आंगनबाड़ी वर्कर देहरादून के गांधी पार्क के गेट पर एकत्रित हुईं। इसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सेविका/मिनी कर्मचारी संगठन के बैनर तले पैदल मार्च निकालते हुए सीएम आवास की ओर बढ़ीं। लेकिन पुलिस द्वारा रास्ता रोके जाने के कारण प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं और मुख्यमंत्री से वार्ता की मांग करने लगीं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, वे पीछे हटने वाली नहीं हैं।
एक साल से आश्वासन, लेकिन नहीं हुई कोई कार्रवाई
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने बताया कि पिछले साल सरकार ने वादा किया था कि आंगनबाड़ी वर्करों के मानदेय बढ़ाने पर चर्चा के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी और केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। इसके अलावा, उन्होंने मांग उठाई कि सुपरवाइजर के रिक्त पदों पर आंगनबाड़ी वर्करों को प्राथमिकता दी जाए और हर वर्ष इसके लिए विज्ञप्ति जारी की जाए।
बेहतर फोन और रिचार्ज सुविधा की मांग
रेखा नेगी ने यह भी कहा कि आंगनबाड़ी वर्करों को सरकारी योजनाओं के तहत विभिन्न कार्यों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करना पड़ता है, लेकिन अधिकतर वर्करों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार ₹350 का रिचार्ज और बेहतर क्वालिटी के फोन उपलब्ध कराए, ताकि वे अपना काम सुचारू रूप से कर सकें।
सीनियरिटी के आधार पर मानदेय बढ़ाने की मांग
इसके अलावा, आंगनबाड़ी वर्करों ने सीनियरिटी के आधार पर मानदेय बढ़ाने की भी मांग की है। उनका कहना है कि उत्तराखंड सरकार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में सालाना वृद्धि सुनिश्चित करनी चाहिए।
आंदोलन के आगे का रुख क्या होगा?
सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन प्रदर्शनकारी महिलाओं ने साफ कर दिया है कि अगर जल्द उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और उग्र हो सकता है। अब देखना होगा कि धामी सरकार इस विरोध प्रदर्शन पर क्या रुख अपनाती है और आंगनबाड़ी वर्करों की मांगों को लेकर क्या फैसला लेती है।