
नई दिल्ली, 4 जून: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% करने का आदेश जारी कर दिया है। यह फैसला मंगलवार को साइन हुआ और इसके साथ ही यह टैरिफ तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। हालांकि इस टैरिफ से ब्रिटेन को छूट दी गई है, जिससे दोनों देशों के बीच एक संभावित व्यापार समझौते की संभावना और मजबूत हो गई है।
अमेरिका का सख्त फैसला
अमेरिका ने यह टैरिफ वृद्धि घरेलू मेटल उद्योग को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से की है। राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले ही शुक्रवार को इस नीति की घोषणा कर दी थी और मंगलवार को इसे औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया। इससे अमेरिका में मेटल की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है और आयात पर आधारित उद्योगों को झटका लग सकता है।
ब्रिटेन को क्यों मिली छूट?
ब्रिटेन को टैरिफ से छूट इसलिए मिली क्योंकि हाल ही में पेरिस में हुई OECD बैठक में ब्रिटिश व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स और अमेरिकी प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर के बीच व्यापार डील को लेकर सकारात्मक बातचीत हुई। दोनों देशों ने सहमति जताई कि वे जल्द से जल्द एक औपचारिक टैरिफ समझौते को अंतिम रूप देंगे। इस छूट को ब्रिटेन के लिए रणनीतिक जीत माना जा रहा है।
भारत के लिए बढ़ी चिंता
भारत पर इस फैसले का नकारात्मक असर हो सकता है। EEPC इंडिया ने चेतावनी दी है कि इससे भारत के इंजीनियरिंग सेक्टर के निर्यात में भारी गिरावट आ सकती है। भारत हर साल अमेरिका को लगभग 5 बिलियन डॉलर मूल्य का स्टील और एल्युमीनियम उत्पाद भेजता है।
EEPC इंडिया के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा कि टैरिफ में बढ़ोतरी से शिपमेंट महंगा हो जाएगा, जिससे प्रतिस्पर्धा में कमी आएगी। उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह ब्रिटेन की तरह अमेरिका से टैरिफ छूट की मांग करे, खासकर तब जब द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत जारी है।
आगे की रणनीति
ट्रंप का यह कदम वैश्विक व्यापार के लिए एक सख्त संकेत है। भारत के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह जल्द ही अमेरिका से राजनयिक और व्यापारिक स्तर पर वार्ता कर छूट की मांग करे। अगर भारत को यह राहत नहीं मिली, तो इसका सीधा असर घरेलू उद्योग और लाखों नौकरियों पर पड़ सकता है।