वॉशिंगटन/नई दिल्ली, 8 अगस्त 2025 – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले सामान पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह कदम भारत द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद के जवाब में उठाया गया है। नए टैरिफ के लागू होने के बाद अब अमेरिका में भारतीय सामान पर कुल शुल्क दर 50 प्रतिशत हो जाएगी।
दो चरणों में लागू होगा टैरिफ
ट्रंप प्रशासन के अनुसार, यह टैरिफ दो चरणों में लागू होगा। पहला चरण 7 अगस्त से शुरू हो गया है, जबकि दूसरा चरण 27 अगस्त से लागू होगा। यह आदेश उन वस्तुओं पर लागू होगा जो आदेश की तारीख के 21 दिन बाद अमेरिका के सीमा शुल्क क्षेत्र में उपभोग के लिए प्रवेश करेंगी या गोदाम से निकाली जाएंगी।
हालांकि, वे वस्तुएं जो 21 दिन की अवधि समाप्त होने से पहले किसी जहाज पर लादी गई हैं और 17 सितंबर 2025 से पहले अमेरिका में प्रवेश कर जाएंगी, उन पर यह अतिरिक्त शुल्क लागू नहीं होगा।
ट्रंप का बयान – ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक’
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों से यूक्रेन की स्थिति और रूस की गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। उनके अनुसार, रूस की नीतियां अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए असाधारण खतरा बनी हुई हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि रूस से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से तेल खरीदने वाले देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाना आवश्यक है, और भारत पर यह कदम राष्ट्रीय आपातकाल से निपटने की रणनीति का हिस्सा है।
भारतीय राजनीति में तीखी प्रतिक्रियाएं
शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “पहले के 25 प्रतिशत पर अब 25 फीसदी और। क्या भारत अब दुनिया का सबसे ज्यादा टैरिफ वाला देश बन गया है? शायद व्यापार मंत्री को इस पर सफाई देनी चाहिए।”
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे भारत के निर्यात के लिए गंभीर झटका बताया। उन्होंने कहा, “50 प्रतिशत टैरिफ से अमेरिकी बाजार में भारतीय वस्तुएं महंगी हो जाएंगी, जिससे हमारे निर्यात पर बुरा असर पड़ेगा।”
‘सभी मंत्री चुप क्यों हैं?’
शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने भी केंद्र की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा, “क्या अमेरिका के साथ कोई व्यापार समझौता हुआ है या नहीं? और अगर नहीं, तो सरकार इस पर खुलकर जवाब क्यों नहीं दे रही?”
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय ने इस कदम को अनुचित बताते हुए कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच के व्यापारिक रिश्तों की तरह भारत के साथ भी निष्पक्ष व्यवहार होना चाहिए। मंत्रालय ने आरोप लगाया कि वाशिंगटन और ब्रसेल्स, दोनों ही नई दिल्ली को अनुचित रूप से निशाना बना रहे हैं।
अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी से भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में तनाव बढ़ना तय माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम न केवल निर्यात को प्रभावित करेगा बल्कि द्विपक्षीय संबंधों पर भी गहरा असर डाल सकता है।


