
टिहरी गढ़वाल, 20 जून 2025: उत्तराखंड के टिहरी जिले की रंजना रावत ने ग्रामीण महिलाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है। उन्होंने फूड प्रोसेसिंग को अपनाकर न केवल खुद को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षण और रोजगार देकर सशक्त बनाने का काम कर रही हैं। उनके प्रयास ग्रामोत्थान परियोजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।
स्वयं सहायता समूह से शुरू की पहल
कीर्तिनगर विकासखंड के ग्राम सुपाना निवासी रंजना रावत ने एनआरएलएम और ग्रामोत्थान परियोजना से जुड़कर “खुशहाल स्वयं सहायता समूह” का गठन किया। समूह की 10 महिलाओं के साथ मिलकर उन्होंने फूड प्रोसेसिंग व्यवसाय की शुरुआत की। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (PMFME) के तहत उन्हें 60% सब्सिडी पर ₹1 लाख का ऋण मिला, जिससे उन्होंने मिक्सर ग्राइंडर, पल्प मशीन और जूस मशीन जैसे उपकरण खरीदे।
बाजार में लोकप्रिय हो रहे उत्पाद
रंजना अपने समूह के साथ मिलकर माल्टा, बुरांश और गुलाब जैसे पहाड़ी फलों से जूस तैयार करती हैं। ये उत्पाद स्थानीय बाजारों के साथ-साथ पर्यटकों के बीच भी लोकप्रिय हो रहे हैं। वे हर महीने लगभग ₹20,000 से ₹25,000 की आय अर्जित कर रही हैं और अपने समूह की महिलाओं को प्रतिदिन ₹250 का रोजगार भी उपलब्ध करवा रही हैं।
चारधाम यात्रा मार्ग बना बिक्री का केंद्र
धारी देवी मंदिर के पास चारधाम यात्रा मार्ग पर बने ‘हिमान्य आउटलेट’ के माध्यम से उनके उत्पादों की बिक्री तेजी से हो रही है। यात्री स्थानीय पहाड़ी दालें, अचार और जूस को काफी पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा, रंजना 3के (3K) आउटलेट के माध्यम से कीर्तिनगर के चौरास क्षेत्र में भी अपने उत्पादों की बिक्री कर रही हैं।
मेले और प्रदर्शनियों से बढ़ रहा कारोबार
विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों, सरस मेलों और विभागीय प्रदर्शनियों में भी रंजना की सक्रिय भागीदारी रहती है। इन आयोजनों में उनके उत्पादों को विशेष पहचान मिलती है, जिससे बिक्री में बढ़ोतरी होती है। जिला मुख्यालय में भी उनके उत्पादों का व्यापार होता है और कई बार अतिथियों को उपहार स्वरूप उनके उत्पाद भेंट किए जाते हैं।
रंजना रावत का यह प्रयास दिखाता है कि यदि सही मार्गदर्शन और संसाधन मिलें, तो ग्रामीण महिलाएं भी सफल उद्यमी बन सकती हैं और समाज में बदलाव की मिसाल पेश कर सकती हैं।