
उत्तराखंड में निकाय चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं, और इसी बीच बिना स्वीकृत पदों पर की गई भर्तियों को लेकर शासन सख्त हो गया है। शहरी विकास विभाग ने राज्य के सभी नगर निकायों से इन अनियमित नियुक्तियों पर रिपोर्ट मांगी है।
8,000 में से 700 नियुक्तियां संदिग्ध
प्रदेशभर के 8,000 आउटसोर्स कर्मचारियों में से लगभग 700 ऐसे हैं, जिनके पद स्वीकृत नहीं हैं। इस मामले में शासन ने इन कर्मचारियों की पहचान कर कार्रवाई का निर्देश दिया है।
निकायों से डाटा कलेक्शन जारी
शासन ने सभी नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं और नगर निगमों से इन अनियमित नियुक्तियों पर विस्तृत जानकारी मांगी है। जो कर्मचारी स्वीकृत पदों पर नहीं हैं, उन्हें पद से हटाने की तैयारी की जा रही है।
पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा
एडिशनल डायरेक्टर शहरी विकास विभाग, डॉ. ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि स्वीकृत ढांचे से बाहर की गई नियुक्तियों के लिए संबंधित निकायों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। अगर इन कर्मियों को नियमित वेतन दिया गया है, तो उसकी वसूली भी संबंधित निकाय से की जाएगी।
एक सप्ताह में मांगा स्पष्टीकरण
शासन ने एक सप्ताह के भीतर इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है। यह कदम निकाय चुनावों से पहले पारदर्शिता और प्रशासनिक अनुशासन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।