
बेंगलुरु: रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की पहली आईपीएल जीत का जश्न शहरभर में धूमधाम से मनाया जा रहा था, लेकिन मंगलवार को हुई विक्ट्री परेड के दौरान जश्न की यह खुशी एक भयावह हादसे में तब्दील हो गई। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भारी भगदड़ में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
विक्ट्री परेड के दौरान टूटा नियंत्रण
RCB की ऐतिहासिक जीत के बाद टीम के खिलाड़ियों का स्वागत करने और विजय जुलूस को देखने के लिए हजारों की भीड़ चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जमा हो गई थी। जैसे ही खिलाड़ियों के आगमन की खबर फैली, वैसे ही लोग बेकाबू होकर आगे बढ़ने लगे। सीमित जगह और अपर्याप्त पुलिस प्रबंधन के चलते भीड़ पर नियंत्रण नहीं रखा जा सका और देखते ही देखते भगदड़ मच गई।
भारी भीड़ और सुरक्षा चूक बनी हादसे की वजह
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, स्टेडियम के प्रवेश द्वारों पर न तो पर्याप्त बैरिकेडिंग थी और न ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल मौजूद था। ऐसे में जैसे ही लोगों ने स्टेडियम में घुसने की कोशिश की, वहां अफरा-तफरी मच गई। कई लोग गिर गए और उन्हें भीड़ ने कुचल दिया। कुछ ही मिनटों में जश्न का माहौल मातम में बदल गया।
अंदर चल रहा था जश्न, बाहर पसरा था मातम
चौंकाने वाली बात यह रही कि जब स्टेडियम के बाहर यह भयावह दृश्य unfolding हो रहा था, अंदर स्टेज पर आरसीबी के खिलाड़ी और अधिकारी विजय ट्रॉफी के साथ जश्न मना रहे थे। बाहर हो रहे हादसे की सूचना अंदर मौजूद आयोजकों को देर से मिली, जिसके चलते तत्काल कोई रोकथाम नहीं हो पाई।
प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
इस त्रासदी के बाद आयोजकों और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद के बावजूद पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी। सोशल मीडिया पर लोग प्रशासन की लापरवाही पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख, मुआवजा और जांच की घोषणा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने और मामले की जांच के लिए एक विशेष कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। घटना के बाद पूरे शहर में शोक की लहर फैल गई है। RCB की ऐतिहासिक जीत का उत्सव अब एक दुखद स्मृति बन गया है।