उत्तराखंड

सहकारिता से समृद्धि की राह, श्रीनगर मेले में बोले सीएम धामी — “हर घर तक आत्मनिर्भरता की अलख जगाएगा सहकारिता मॉडल”

Cooperatives are the path to prosperity, CM Dhami said at the Srinagar fair – “The cooperative model will spread the spirit of self-reliance to every household.”

श्रीनगर (गढ़वाल): उत्तराखंड के श्रीनगर स्थित आवास विकास मैदान में चल रहे 9 दिवसीय सहकारिता मेले के सातवें दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सहकारिता को आत्मनिर्भरता का सबसे मजबूत आधार बताया। उत्साह और उम्मीद से भरे माहौल में सीएम धामी ने मेले में लगे विभिन्न विभागों और स्वयं सहायता समूहों के स्टॉलों का निरीक्षण किया और महिलाओं व स्थानीय काश्तकारों से संवाद किया।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य हर घर तक आत्मनिर्भरता की भावना पहुंचाना है और “वोकल फॉर लोकल” के मंत्र को व्यवहार में लाना है। मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों को चेक वितरित करते हुए कहा कि सहकारिता न केवल आर्थिक समृद्धि बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक है।


“सहकारिता हमारी संस्कृति की आत्मा है”

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सहकारिता भारत की संस्कृति और जीवन दर्शन का हिस्सा है, जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को जीवंत करती है। उन्होंने कहा,

“सहकारिता ऐसा मॉडल है जो समाज के हर वर्ग को जोड़ता है और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने की शक्ति देता है।”

उन्होंने विश्वास जताया कि श्रीनगर मेला इस भावना को और सशक्त करेगा तथा महिला उद्यमिता को नई दिशा देगा।


671 समितियों का कंप्यूटरीकरण, डिजिटल पारदर्शिता की दिशा में कदम

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा हो चुका है। इसके अलावा 13 जिलों की 5,511 समितियों में से 3,838 के अभिलेख अब राष्ट्रीय सहकारी पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि 2025 को विश्व सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में सहकारिता क्षेत्र को नई ऊंचाई दी जाएगी।


16 हजार करोड़ की पूंजी और किसानों के लिए ब्याज मुक्त ऋण

धामी ने बताया कि राज्य के सहकारी बैंकों में वर्तमान में 16 हजार करोड़ रुपये की पूंजी जमा है। यह जनता के भरोसे और सहकारिता प्रणाली की सफलता का प्रमाण है।
किसानों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है।


श्रीनगर में 15 घंटे जलापूर्ति सुनिश्चित होगी

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि श्रीनगर में पेयजल और सीवर लाइन की डीपीआर स्वीकृत होते ही काम शुरू किया जाएगा। योजना के पूर्ण होने पर नगर में 15 घंटे तक निर्बाध जलापूर्ति संभव होगी।


31 लाख लोग सहकारिता से जुड़े — लक्ष्य 50 लाख का

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि फिलहाल राज्य में 31 लाख लोग सहकारिता से जुड़े हैं, और इसे 50 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि अब तक 16 लाख किसानों को जीरो ब्याज पर ऋण दिया जा चुका है।


एक करोड़ का व्यापार — महिलाओं की बड़ी भागीदारी

मेले में महिला स्वयं सहायता समूहों ने 35 लाख रुपये से अधिक का व्यापार किया, जबकि कुल व्यापार एक करोड़ रुपये के पार पहुंच गया।
राज्य की 1.80 लाख महिलाएं “लखपति दीदी” बन चुकी हैं, और सरकार का लक्ष्य इसे चार लाख तक ले जाने का है।


रोजगार और सम्मान के नए अवसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब तक 26,500 से अधिक युवाओं को रोजगार मिल चुका है। आगामी मंगलवार को 1,500 एलटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।
उन्होंने विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को 5-5 लाख रुपये के चेक भी प्रदान किए और उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया।

 

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