मुख्यमंत्री धामी ने ‘प्राइड मूवमेंट सम्मान समारोह’ में आपदा राहत कर्मियों को किया सम्मानित
CM Dhami honored disaster relief workers at the 'Pride Movement Honors Ceremony'

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में अर्पित फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘प्राइड मूवमेंट सम्मान समारोह’ में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने हाल की आपदाओं के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में योगदान देने वाले एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और आईटीबीपी के जवानों को सम्मानित किया। समारोह में छात्रों ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया और नकल विरोधी कानून लागू करने के लिए आभार जताया।
आपदा में सेवा करने वालों के प्रति आभार
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मान उन कर्मियों की निष्ठा और साहस को समर्पित है, जिन्होंने आपदा के कठिन समय में अपने प्राणों की परवाह किए बिना जनता की सेवा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ भौगोलिक जटिलताओं और आपदाओं के लिए भी जाना जाता है। राज्य में हर वर्ष भूस्खलन, अतिवृष्टि और बाढ़ जैसी घटनाएँ प्रशासन और जनता दोनों के लिए चुनौती लेकर आती हैं।
पूर्व आपदाओं से मिली सीख
मुख्यमंत्री ने 2013 की केदारनाथ त्रासदी का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय पूरे राज्य ने अभूतपूर्व संकट का सामना किया था। इसके बाद 2021 में चमोली की ऋषिगंगा आपदा, 2023 में जोशीमठ भूमि धंसाव और हाल ही में उत्तरकाशी व देहरादून में भूस्खलन की घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि राज्य को निरंतर सतर्क रहना होगा। इन परिस्थितियों में राहत दलों ने लगातार ग्राउंड जीरो पर रहकर लोगों की जान बचाने का कार्य किया।
सिल्क्यारा टनल बचाव अभियान का उदाहरण
मुख्यमंत्री धामी ने सिल्क्यारा टनल में फंसे मजदूरों के सफल बचाव अभियान को याद करते हुए कहा कि यह अभियान उत्तराखंड की दृढ़ इच्छाशक्ति और टीम भावना का प्रतीक रहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन व सहयोग से राज्य हर आपदा से मजबूती से उभर सका। प्रधानमंत्री द्वारा राहत कार्यों के लिए ₹1200 करोड़ की विशेष सहायता राशि राज्य के पुनर्वास प्रयासों में मील का पत्थर साबित हुई।
आपदा प्रबंधन को बनाया जा रहा सशक्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा केवल भौतिक नुकसान नहीं पहुंचाती, बल्कि लोगों के मनोबल को भी प्रभावित करती है। इसलिए राज्य सरकार राहत और पुनर्वास के साथ-साथ आजीविका पर भी ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ को अत्याधुनिक रेस्क्यू उपकरण, ड्रोन और सैटेलाइट मॉनिटरिंग सिस्टम उपलब्ध कराए गए हैं। गांवों में ‘आपदा मित्र’ योजना के तहत स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि प्रारंभिक बचाव कार्य समय पर हो सके।
नई पीढ़ी में आपदा जागरूकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जा रहा है, ताकि युवा आपदा के समय प्रभावी भूमिका निभा सकें।
कार्यक्रम में विधायक प्रेमचंद अग्रवाल, स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश, श्री कृष्ण गिरी महाराज, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरूगेशन और कार्यक्रम संयोजक हनी पाठक सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने समर्पित राहत कर्मियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार भविष्य में भी उनके योगदान को प्रोत्साहित करती रहेगी।