राहुल गांधी ने हरक सिंह रावत को भेजा भावपूर्ण पत्र, पिता के निधन पर जताई संवेदना
Rahul Gandhi sends emotional letter to Harak Singh Rawat, expresses condolences on the death of his father

देहरादून: पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के पिता, नारायण सिंह रावत के आकस्मिक निधन की खबर ने परिवार और राजनीतिक गलियारों में गहरा शोक फैला दिया। इस मुश्किल समय में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरक सिंह रावत को एक भावपूर्ण पत्र भेजकर अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। पत्र में राहुल गांधी ने लिखा कि नारायण सिंह रावत के निधन का समाचार सुनकर उन्हें अत्यंत दुःख हुआ और इस कठिन घड़ी में उनके और उनके परिवार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि शब्द इस पीड़ा को कम नहीं कर सकते, लेकिन उनकी संवेदनाएं हमेशा परिवार के साथ हैं।
नारायण सिंह रावत का जीवन और व्यक्तित्व
राहुल गांधी ने पत्र में नारायण सिंह रावत के जीवन और उनके व्यक्तित्व का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि वे केवल सम्मानित पूर्व सैनिक ही नहीं, बल्कि सरल, अनुशासित और नैतिक मूल्यों वाले व्यक्ति थे। उनका जीवन अनुशासन, कड़ी मेहनत और ईमानदारी का उदाहरण था। उनके संस्कार और अनुभव हरक सिंह रावत के राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन के मार्गदर्शन का स्रोत रहे। राहुल गांधी ने लिखा कि उनके आदर्श और जीवन मूल्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का काम करेंगे।
हरक सिंह रावत ने जताया आभार
हरक सिंह रावत ने राहुल गांधी के पत्र के लिए अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “पिताजी के निधन पर आपकी संवेदना और सहानुभूति के लिए मैं हृदय से आभारी हूं। इस चुनौतीपूर्ण समय में आपने जो सांत्वना दी, उसके लिए मैं सदैव आपका आभारी रहूंगा।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता की यादें और संस्कार हमेशा उनके जीवन में मार्गदर्शक बने रहेंगे और उन्हें अपने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में प्रेरणा देते रहेंगे।
अंतिम संस्कार और सामाजिक प्रतिक्रिया
नारायण सिंह रावत का अंतिम संस्कार हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर संपन्न हुआ। इस अवसर पर परिवारजन, मित्र और राजनीतिक हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी वीरता, अनुशासन और सरल जीवनशैली की चर्चा की गई। राजनीतिक और सामाजिक समुदाय ने उनके निधन पर संवेदना व्यक्त की। कई नेताओं और समर्थकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश साझा कर परिवार के प्रति सहानुभूति जताई। उनकी यादें और योगदान समाज और राजनीति में अमिट छाप छोड़ गए।
दुखद क्षति के बीच प्रेरणा का संदेश
नारायण सिंह रावत का आकस्मिक निधन अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनके जीवन और संस्कार आज भी प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। राहुल गांधी का पत्र इस दुखद समय में संवेदना, मानवीयता और सहानुभूति का प्रतीक बना। हरक सिंह रावत ने भी अपने पिता की शिक्षाओं और आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। यह घटना परिवार, समाज और राजनीति में मानवीय मूल्यों और सहानुभूति की शक्ति को उजागर करती है।