देहरादून ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में लगाई लंबी छलांग, रैंकिंग में 18 पायदान का सुधार
Dehradun made a big leap in Clean Air Survey 2025, improved its ranking by 18 places

देहरादून: राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत जारी स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में देहरादून ने उल्लेखनीय प्रगति की है। तीन से दस लाख आबादी वाले शहरों की श्रेणी में राजधानी ने 171.7 अंक हासिल कर 42 शहरों में 19वां स्थान प्राप्त किया। यह पिछले साल 37वीं रैंक और 126.5 अंक के मुकाबले 18 पायदान की बड़ी छलांग है। इस उपलब्धि से साफ है कि नगर निगम और नागरिकों के संयुक्त प्रयास वायु गुणवत्ता सुधार में कारगर साबित हुए हैं।
हरित पट्टियों और पौधारोपण से मिला लाभ
नगर निगम ने पर्यावरण सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। पिछले वर्ष लगभग एक लाख पौधे लगाए गए और हरित पट्टियों के विस्तार पर ध्यान दिया गया। वार्डों में पार्कों का निर्माण और सौंदर्यीकरण किया गया। साइकिल ट्रैक का निर्माण कर प्रदूषण नियंत्रण और स्वच्छ आवागमन को बढ़ावा दिया गया। इन पहलों ने वायु गुणवत्ता सुधारने और नागरिकों को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने में मदद की।
ऋषिकेश और काशीपुर का भी बेहतर प्रदर्शन
उत्तराखंड के अन्य शहरों का प्रदर्शन भी उल्लेखनीय रहा। तीन लाख से कम आबादी वाले शहरों में ऋषिकेश ने 178.5 अंक के साथ 14वां स्थान प्राप्त किया, जबकि पिछले साल यह 31वां था। काशीपुर ने 177 अंक हासिल कर 18वां स्थान प्राप्त किया। यह संकेत है कि पूरे प्रदेश में वायु गुणवत्ता सुधार के प्रयास लगातार सफल हो रहे हैं।
नागरिकों और निगम की साझी सफलता
देहरादून के मेयर सौरभ थापरियल ने इस उपलब्धि को नगर निगम और नागरिकों के सामूहिक प्रयास का परिणाम बताया। नगर आयुक्त नमामि बंसल ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में 15 ई-ऑटो टीपर वाहन खरीदे गए हैं, जिनसे घर-घर कचरा उठाया जा रहा है। 10 कंपोस्ट मशीनें लगाई गई हैं और गीले कचरे से खाद बनाने की योजना लागू की गई है।
धूल और प्रदूषण रोकने के लिए नई पहल
राजपुर रोड पर फाउंटेन लगाने की योजना और सड़क किनारे हरियाली बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। इन पहलों से धूल के कणों को नियंत्रित किया जाएगा और प्रदूषण में कमी आएगी।
जागरूकता अभियान से बढ़ा सहयोग
नगर निगम ने व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए। स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से लोगों को स्वच्छ वायु के महत्व के बारे में बताया गया। नागरिकों की भागीदारी प्रदूषण नियंत्रण में अहम साबित हुई।
आने वाले समय की चुनौतियां
विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ती आबादी, वाहनों की संख्या और औद्योगिक गतिविधियों के कारण प्रदूषण पर नियंत्रण बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है। निगम को कचरा प्रबंधन, यातायात नियंत्रण और शहरी हरियाली पर और अधिक ध्यान देना होगा।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में देहरादून की 18 पायदान की छलांग राज्य और शहर दोनों के लिए गर्व का विषय है। ऋषिकेश और काशीपुर का सुधार यह दर्शाता है कि उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण और स्वच्छ वातावरण के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।