उत्तराखंड

पंजाब बाढ़ पीड़ितों के लिए झबरेड़ा के युवाओं ने बनाई राहत टीम, बड़ी मात्रा में सामान लेकर होंगे रवाना

Jhabreda youth formed a relief team for Punjab flood victims, will leave with a large amount of goods

पंजाब में आई भीषण बाढ़ ने प्रदेश के 12 जिलों को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं और राहत सामग्री की जरूरत लगातार बनी हुई है। इस आपदा के बाद पूरे देशभर से लोग पंजाब के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। जगह-जगह से राहत सामग्री भेजी जा रही है। ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के कस्बा झबरेड़ा में देखने को मिला, जहां युवाओं ने “झबरेड़ा राहत टीम” बनाकर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कदम उठाया है।

टीम के सदस्यों ने अपने स्तर पर ही जरूरत के सभी सामान की किट तैयार की है। इन किटों में चप्पल, कपड़े, दवाइयां, मच्छरदानी, कंबल, गद्दे, डायपर सहित रोजमर्रा की सभी आवश्यक चीजें शामिल हैं। युवाओं की यह पहल यह साबित करती है कि अगर जज़्बा मजबूत हो तो एक छोटी सी कोशिश भी बड़े स्तर पर मदद का रूप ले सकती है।

टीम ने बनाया मजबूत नेटवर्क

झबरेड़ा के युवाओं ने सोशल मीडिया का भी उपयोग किया और “झबरेड़ा राहत टीम” नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर सभी लोगों को जोड़ा। धीरे-धीरे कस्बे के साथ-साथ आसपास के गांवों के लोग भी इस मुहिम से जुड़ते चले गए और बड़ी मात्रा में सामग्री इकट्ठा हो गई। मुख्य संयोजक एडवोकेट राव बिलावर और संयोजक डॉ. परवेज सिद्दीकी, इखलाख अंसारी, रिफाकत अली, साहबाज नगला कुबड़ा और हाजी शहीद के नेतृत्व में इस टीम ने लगातार कई दिन मेहनत कर राहत किट तैयार की।

कस्बे और ग्रामीणों ने दिखाया सहयोग

टीम कार्यकारी सदस्यों में शराफत मलिक, सुधीर चौधरी, सुधीर कोरवा, वसीम अंसारी, राव दिलावर, सहजाद मलिक, गुलफाम मलिक, इनाम अंसारी और फिरोज गौर सीतालपुर जैसे युवाओं ने अहम भूमिका निभाई। इन सभी ने कस्बे व ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से सहयोग लेकर राहत सामग्री जुटाई और उसे व्यवस्थित तरीके से पैक किया। आम जनता ने भी बढ़-चढ़कर साथ दिया। राहत सामग्री और इकट्ठा हो रही रकम को लेकर टीम ने पूरी पारदर्शिता बरती और हर एक रुपए का हिसाब सार्वजनिक किया। इस ईमानदारी और स्पष्टता की पूरे क्षेत्र में जमकर सराहना हो रही है।

कल रवाना होगी टीम

तैयारी पूरी होने के बाद अब टीम के सदस्य कल पंजाब के लिए रवाना होंगे। उनका लक्ष्य है कि वे स्वयं प्रभावित जिलों तक पहुंचें और वहां मौजूद जरूरतमंद लोगों को सीधे अपने हाथों से राहत सामग्री वितरित करें। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि सामग्री सही हाथों तक पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों को समय पर राहत मिल सके।

झबरेड़ा और आसपास के गांवों के युवाओं की यह पहल सामाजिक एकता और मानवता की मिसाल है। ऐसे समय में जब किसी राज्य पर प्राकृतिक आपदा का संकट आता है, तो दूसरे राज्यों से मिल रही इस तरह की मदद न केवल राहत पहुंचाती है बल्कि पीड़ितों के मनोबल को भी मजबूत करती है। झबरेड़ा राहत टीम का यह प्रयास साबित करता है कि इंसानियत की जड़ें अभी भी मजबूत हैं और छोटे-छोटे कस्बों से भी बड़ा बदलाव शुरू हो सकता है।

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