उत्तराखंड

उत्तराखंड में नदियों का जलस्तर बढ़ा, प्रशासन सतर्क

Water level of rivers rises in Uttarakhand, administration on alert

देहरादून: उत्तराखंड में बारिश का दौर एक बार फिर से खतरे का संकेत दे रहा है। धराली आपदा के बाद से राज्य सरकार और प्रशासन ने न केवल संवेदनशील इलाकों और भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों पर निगरानी बढ़ाई है, बल्कि नदियों के जलस्तर पर भी लगातार नजर रखी जा रही है। खासतौर पर उन जिलों में अलर्ट अधिक जारी किया गया है, जहां मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में तेज बारिश की संभावना व्यक्त की है।

पिछले दिनों प्रदेश में हुई भारी बारिश ने आम लोगों को खासा परेशान किया। सूखी पड़ी नदियों में अचानक तेज बहाव ने लोगों को डराने का काम किया। राजधानी देहरादून में तो हालात ऐसे बने कि बरसाती नालों में बाढ़ जैसे हालात बन गए और कई मवेशी बह गए। ग्रामीण इलाकों में नदी किनारे रहने वाले लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरा पैदा हुआ। यही कारण है कि प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर लोगों को लगातार सतर्क रहने की हिदायत दी है।

खीर गंगा और भागीरथी का जलस्तर बढ़ा

धराली में हाल ही में तबाही मचाने वाली खीर गंगा का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ा है। शनिवार सुबह इसे सामान्य से अधिक दर्ज किया गया, जिसके बाद राहत और बचाव टीमों को चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं उत्तरकाशी की भागीरथी नदी का जलस्तर 1120.96 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से केवल 3 मीटर नीचे है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरकाशी मुख्यालय में 24 मिमी और मोरी क्षेत्र में 18 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

हरिद्वार में गंगा खतरे के करीब

हरिद्वार में गंगा का जलस्तर 292 मीटर रिकॉर्ड किया गया है, जो खतरे के स्तर से महज़ 2 मीटर कम है। यहां फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बारिश की स्थिति बनी रहने पर हालात बिगड़ सकते हैं।

अलकनंदा और मंदाकिनी में उफान

रुद्रप्रयाग जिले में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है। अलकनंदा 625.70 मीटर पर बह रही है, जबकि मंदाकिनी का स्तर 624.45 मीटर है। दोनों ही नदियां खतरे के निशान से करीब 2 मीटर नीचे बह रही हैं। हालांकि, प्रशासन ने इन इलाकों में भी एहतियातन चौकसी बढ़ा दी है।

अन्य नदियों की स्थिति

चमोली में अलकनंदा और नंदाकिनी नदियों का स्तर अभी सामान्य से नीचे है, लेकिन पिंडर नदी पर भी निगरानी रखी जा रही है। वहीं पिथौरागढ़ की काली, गोरी और सरयू नदियों का जलस्तर खतरे से काफी नीचे है। बागेश्वर की गोमती नदी भी सुरक्षित स्तर पर दर्ज की गई है।

प्रशासन ने बनाई कार्ययोजना

प्रदेश प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नदियों का स्तर बढ़ने की स्थिति में किनारे बसे लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा। जिला प्रशासन की टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है और प्रभावित क्षेत्रों में पहले से ही रेस्क्यू की तैयारी कर ली गई है।

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