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भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी का बड़ा ऐलान – कर प्रणाली में बड़े बदलाव की तैयारी, दिवाली पर मिल सकता है ‘बड़ा तोहफ़ा’

PM Modi's big announcement on India's 79th Independence Day - Preparations for big changes in the tax system, 'big gift' can be received on Diwali

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कराधान और शासन व्यवस्था में अगली पीढ़ी के सुधारों (Next Generation Reforms) की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने की घोषणा की। पीएम ने कहा कि सरकार एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स (High Level Task Force) का गठन करेगी, जो देश की कर प्रणाली में व्यापक सुधारों पर काम करेगी।

उच्च स्तरीय टास्क फोर्स का गठन

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह टास्क फोर्स कर संरचना को सरल, पारदर्शी और जनहितैषी बनाने के लिए व्यापक सुझाव देगी। इसमें जीएसटी (GST) के साथ-साथ आयकर और अप्रत्यक्ष करों के अन्य पहलुओं पर भी सुधार की रूपरेखा तैयार की जाएगी। पीएम ने साफ किया कि सुधार का उद्देश्य आम नागरिकों पर कर का बोझ कम करना और कारोबारी माहौल को और अधिक आसान बनाना है।

‘डबल दिवाली’ का वादा

अपने भाषण में पीएम मोदी ने इस साल देशवासियों को “डबल दिवाली” देने का वादा किया। उन्होंने संकेत दिया कि दिवाली से पहले आम घरेलू वस्तुओं पर जीएसटी दरों में भारी कटौती का ऐलान किया जाएगा। पीएम ने कहा,

“इस दिवाली मैं आपको बड़ा तोहफ़ा देने वाला हूं। रोज़मर्रा की ज़रूरत की वस्तुओं पर जीएसटी में भारी कमी की जाएगी, जिससे महंगाई का असर कम होगा।”

जीएसटी दरों की समीक्षा – समय की मांग

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी दरों की समीक्षा अब समय की जरूरत बन चुकी है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार “नई पीढ़ी का जीएसटी सुधार” लाने पर काम कर रही है, जो कर प्रणाली को और अधिक सरल, पारदर्शी और व्यवसाय के अनुकूल बनाएगा।

जीएसटी – अब तक का सफर और आगे की उम्मीदें

साल 2017 में लागू हुआ जीएसटी स्वतंत्रता के बाद भारत का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार माना जाता है। इसने देशभर में कर ढांचे को एकीकृत किया और विशेष रूप से लघु व मध्यम उद्योगों (SMEs) के लिए व्यापार में आसानी (Ease of Doing Business) को बढ़ावा दिया।

पिछले आठ वर्षों में जीएसटी ने:

  • कर संग्रह में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की।
  • टैक्स चोरी पर अंकुश लगाया।
  • डिजिटल भुगतान और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया।

हाल के आंकड़े बताते हैं कि जीएसटी संग्रह में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन उद्योग जगत और उपभोक्ता, दोनों ही, दरों के सरलीकरण और कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।

त्योहार और सुधार का मेल

पीएम मोदी का यह ऐलान केवल एक आर्थिक नीति का संकेत नहीं, बल्कि त्योहारों की खुशी से जुड़ा संदेश भी है। “डबल दिवाली” का वादा न केवल उपभोक्ताओं को राहत देगा, बल्कि बाजार में मांग को भी बढ़ावा दे सकता है।

जैसे-जैसे दिवाली नजदीक आ रही है, देश भर में व्यापारी, उद्योग जगत और आम लोग इस बड़े आर्थिक तोहफ़े का इंतजार कर रहे हैं। अगर सरकार का प्रस्तावित जीएसटी सुधार लागू होता है, तो यह न केवल कर प्रणाली को नया आकार देगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में एक नया उत्साह भी भर सकता है।

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