उत्तराखंड

उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटा, गृहमंत्री ने ली अपडेट, मुख्यमंत्री ने दौरा किया रद्द

Cloud burst in Dharali village of Uttarkashi, Home Minister took update, CM cancelled the visit

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में सोमवार को अचानक बादल फटने की घटना सामने आई है। इस प्राकृतिक आपदा से इलाके में काफी नुकसान हुआ है, वहीं स्थिति को गंभीर होता देख केंद्र और राज्य सरकार हरकत में आ गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर घटनाक्रम की पूरी जानकारी ली और राहत एवं बचाव कार्यों में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

गृह मंत्री ने NDRF और अन्य राहत एजेंसियों को तत्काल मौके पर भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके। इसके साथ ही उन्होंने प्रभावित परिवारों को समय पर सहायता पहुंचाने के लिए राज्य प्रशासन से समन्वय बनाए रखने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने रद्द किया आंध्र प्रदेश दौरा

उत्तरकाशी की आपदा को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना प्रस्तावित आंध्र प्रदेश दौरा रद्द कर दिया है। वे सोमवार शाम तक देहरादून पहुंच गए और आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी जरूरी संसाधन तत्काल मौके पर भेजने के निर्देश दिए हैं।

धराली में मलबा और पानी ने मचाई तबाही

स्थानीय प्रशासन के अनुसार, धराली गांव में बादल फटने से भारी मलबा और पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया, जिससे कई घरों को नुकसान पहुंचा है। कुछ पशुओं की मृत्यु की सूचना है, जबकि कुछ लोग लापता भी बताए जा रहे हैं। SDRF और पुलिस की टीमें रेस्क्यू कार्य में जुटी हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

प्रशासन की तत्परता

उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने मौके पर राहत एवं बचाव दल भेज दिए हैं। SDRF के साथ मिलकर स्थानीय टीमें फंसे हुए लोगों को निकाल रही हैं और राहत शिविरों में अस्थायी व्यवस्था की जा रही है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि घटना पर नजर रखी जा रही है और हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

इस घटना के बाद मौसम विभाग ने उत्तरकाशी और आसपास के जिलों में अगले 24 से 48 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। लोगों से अपील की गई है कि वे पहाड़ी इलाकों में अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

यह घटना एक बार फिर उत्तराखंड की आपदा संवेदनशीलता को उजागर करती है। राहत एजेंसियां और सरकार स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।

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