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भारत-अमेरिका व्यापार समझौता, भारतीय किसानों को मिल सकता है अमेरिकी बाजार में बड़ा अवसर

India-US trade agreement, Indian farmers can get big opportunity in American market

नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते से देश के किसानों को बड़ा लाभ मिल सकता है। पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक बालियान ने कहा है कि यह समझौता भारतीय किसानों को अमेरिकी बाजार में अपने उत्पाद भेजने का अवसर प्रदान करेगा। विशेष रूप से जैविक खाद्य, फल, सब्जियां, मसाले और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात की संभावना बढ़ रही है।

अमेरिकी उपभोक्ताओं के बीच भारतीय मसालों और खाद्य उत्पादों की बढ़ती मांग

बालियान ने यह भी बताया कि अमेरिका में भारतीय मसालों, बासमती चावल, अचार और अन्य पारंपरिक खाद्य उत्पादों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में यदि यह समझौता सही दिशा में आगे बढ़ता है तो छोटे किसान, कुटीर उद्योग और कृषि आधारित स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिल सकती है।

भारत की युवा जनसंख्या और उपभोग क्षमता बन सकती है अहम आधार

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले 25-30 वर्षों में भारत की युवा और आकांक्षी आबादी में उपभोग क्षमता तेजी से बढ़ेगी। यह भविष्य की व्यापारिक साझेदारियों के लिए भारत को एक आकर्षक देश बनाता है। ऐसे में अमेरिका के साथ संतुलित व्यापार समझौता भारत के दीर्घकालिक हितों को मजबूत कर सकता है।

भारत ने संवेदनशील क्षेत्रों पर दिखाई सख्ती, घरेलू हितों की रक्षा पर जोर

वॉशिंगटन में चल रही व्यापार वार्ता में भारत ने स्पष्ट किया है कि कृषि, डेयरी और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में किसी प्रकार की अंधाधुंध छूट नहीं दी जाएगी। सरकार का मकसद है कि भारतीय किसानों, डेयरी उत्पादकों और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे।

अंतिम फैसला दोनों देशों के साझा हितों पर होगा आधारित

वाणिज्य मंत्रालय की वरिष्ठ टीम अमेरिका में व्यापार वार्ता में भारत का नेतृत्व कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह जटिल वार्ताएं हैं और अंतिम सहमति तक कुछ भी तय नहीं माना जा सकता। जब तक सभी मुद्दों पर सहमति नहीं बन जाती, तब तक किसी भी प्रकार का निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।

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