उत्तराखंड

AI की निगरानी में अब नहीं बच सकेगी टैक्स चोरी, उत्तराखंड में GST व्यवस्था होगी और मजबूत

Tax evasion will no longer be possible under the supervision of AI, GST system will become stronger in Uttarakhand

देहरादून: उत्तराखंड सरकार अब टैक्स चोरी रोकने और राजस्व बढ़ाने के लिए तकनीक की मदद से बड़ा बदलाव करने जा रही है। राज्य कर विभाग ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) प्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग शुरू कर दिया है। इस पहल का उद्देश्य फर्जीवाड़े और हेराफेरी की संभावनाओं को समय रहते पकड़ना और टैक्स अनुपालन को सुनिश्चित करना है।

AI करेगा टैक्स गतिविधियों की निगरानी

AI आधारित सिस्टम करदाताओं की वित्तीय गतिविधियों का विश्लेषण कर अनियमितताओं की पहचान करेगा। ऐसे व्यापारी जो फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाते हैं या इनवॉइसिंग में गड़बड़ी करते हैं, अब आसानी से पकड़े जा सकेंगे। यह तकनीक संदिग्ध लेनदेन को स्वतः ट्रैक कर अधिकारियों को अलर्ट भेजेगी, जिससे जांच तुरंत शुरू हो सकेगी। इससे न केवल टैक्स चोरी रुकेगी, बल्कि कर वसूली की गति भी तेज होगी।

डिजिटल फॉरेंसिक लैब से मिलेगा साक्ष्य विश्लेषण में बल

AI तकनीक के साथ उत्तराखंड में पहली बार राज्य कर विभाग द्वारा डिजिटल फॉरेंसिक लैब भी स्थापित की जा रही है। इस लैब की मदद से छापेमारी के दौरान जब्त किए गए डिजिटल दस्तावेजों की जांच राज्य के भीतर ही संभव होगी। पहले कर विभाग को ऐसी जांच के लिए पुलिस पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे कार्रवाई में देरी होती थी। अब समयबद्ध जांच से मामलों का निपटारा भी तेजी से होगा।

GST वसूली में दिख रहा सुधार

राज्य में पहले टैक्स संग्रहण में सालाना 15% की वृद्धि देखी जाती थी, लेकिन GST लागू होने के शुरुआती वर्षों में रफ्तार धीमी हो गई। केंद्र सरकार ने शुरुआती नुकसान की भरपाई की, लेकिन 2022 के बाद यह सहायता बंद हो गई। अब उत्तराखंड सरकार तकनीक के सहारे राजस्व संग्रह को फिर से गति देने के प्रयास में जुटी है। वर्तमान में राज्य कर विभाग लगभग ₹11,000 करोड़ राजस्व एकत्र करता है, जिसमें से ₹3,000 करोड़ स्टांप ड्यूटी से आते हैं।

भविष्य की तकनीकी नीति का संकेत

राज्य कर आयुक्त सोनिका ने बताया कि AI आधारित निगरानी प्रणाली से करदाताओं में अनुशासन आएगा और कर चोरी की घटनाएं घटेंगी। इससे सरकार को अधिक राजस्व मिलेगा और राज्य की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी। यह कदम उत्तराखंड को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में एक अहम पहल है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button