उत्तराखंड में मानसून का कहर, अब तक 21 लोगों की मौत, 133 मकान क्षतिग्रस्त, राज्यभर में अलर्ट जारी
Monsoon havoc in Uttarakhand, 21 people dead so far, 133 houses damaged, alert issued across the state

देहरादून: उत्तराखंड में इस वर्ष मानसून की शुरुआत ने ही व्यापक तबाही मचाई है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। भूस्खलन, मकानों का गिरना, पशुधन की हानि और यातायात अवरुद्ध होने जैसी घटनाओं ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। आपदा प्रबंधन विभाग के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 11 लोग घायल और 9 लापता हैं।
मकानों को भारी नुकसान
1 से 4 जुलाई के बीच हुई बारिश के दौरान राज्यभर में कुल 133 मकानों को क्षति पहुंची है। इनमें से दो घर पूरी तरह से ढह गए हैं, आठ को गंभीर नुकसान हुआ है, जबकि 123 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस दौरान 16 बड़े और 17 छोटे मवेशियों की मौत भी दर्ज की गई है, जिससे ग्रामीण इलाकों के निवासियों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
सड़कें बंद, यातायात ठप
भारी बारिश और भूस्खलन के चलते राज्य में 65 सड़कें बंद पड़ी हैं। इनमें एक राष्ट्रीय राजमार्ग, 15 लोक निर्माण विभाग की मुख्य सड़कें और 49 ग्रामीण मार्ग शामिल हैं। लगातार बारिश के कारण मलबा हटाने और सड़कों को खोलने में बाधा आ रही है। लोक निर्माण विभाग और आपदा राहत टीमें युद्धस्तर पर काम कर रही हैं ताकि आवागमन बहाल किया जा सके।
चारधाम यात्रा मार्गों पर निगरानी
चारधाम यात्रा के अधिकांश मार्ग खुले हुए हैं, हालांकि यमुनोत्री मार्ग पर मलबा जमा होने से एक स्थान पर रास्ता बंद है। बेली ब्रिज की सहायता से रास्ता दुरुस्त करने का कार्य जारी है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं को पूरी सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 9 जुलाई तक राज्य के विभिन्न जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। 6 और 7 जुलाई को देहरादून, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 8 और 9 जुलाई को नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में येलो अलर्ट जारी रहेगा।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने नागरिकों और यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा करें। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी गई है और राहत कार्यों के लिए टीमें तैयार हैं। इस मानसूनी आपदा के दौर में सभी को सतर्कता और संयम बरतने की आवश्यकता है।