उत्तराखंड में डेंगू और कोरोना के बढ़ते मामले, देहरादून में सतर्कता बढ़ी
Increasing cases of dengue and corona in Uttarakhand, vigilance increased in Dehradun

देहरादून: उत्तराखंड में मानसून के आगमन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के सामने डेंगू और कोरोना संक्रमण की दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है। राजधानी देहरादून में इन दोनों बीमारियों के नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिससे लोगों में चिंता बढ़ रही है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, जिले में कोरोना के 3 नए मामले सामने आए हैं, जबकि डेंगू के 7 मरीज अभी भी विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं।
कोरोना संक्रमण की स्थिति
देहरादून में इस वर्ष अब तक कुल 87 कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 73 मरीज स्थानीय और 14 अन्य जिलों से हैं। राहत की बात यह है कि अब तक संक्रमण से किसी की मृत्यु नहीं हुई है और अधिकांश मरीज होम आइसोलेशन में रहकर स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में केवल 3 एक्टिव केस हैं। सीएमओ डॉ. मनोज शर्मा ने लोगों से अपील की है कि हल्के लक्षण दिखते ही अस्पताल जाकर जांच कराएं और सतर्कता बरतें।
डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी
कोरोना के साथ-साथ डेंगू के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। शनिवार को डेंगू का एक नया मामला दर्ज हुआ है। अब तक जिले में डेंगू के कुल 156 केस सामने आ चुके हैं, जिनमें 80 स्थानीय निवासी और 76 बाहरी लोग हैं। फिलहाल 7 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनमें से 5 महंत इंद्रेश अस्पताल, एक एचआईएचटी और एक दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। अच्छी बात यह है कि 149 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं।
रोकथाम के लिए घर-घर सर्वे
डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिले भर में जागरूकता अभियान चला रखा है। शनिवार को 4,256 घरों का सर्वे किया गया, जिसमें 18 घरों में डेंगू मच्छर का लार्वा मिला। अब तक कुल 635 घरों से डेंगू जनित लार्वा बरामद हुआ है, जिसे नष्ट कर दिया गया है। विभाग की टीमें नियमित रूप से घर-घर जाकर निरीक्षण कर रही हैं।
आम जनता से अपील
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे बारिश के मौसम में खास सावधानी बरतें। डेंगू से बचने के लिए जलजमाव न होने दें, मच्छरदानी का उपयोग करें और शरीर को ढककर रखें। कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनें, हाथों की सफाई बनाए रखें और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें।
इन दोनों संक्रमणों से निपटने के लिए विभाग की सतर्कता के साथ-साथ आम जनता की जागरूकता भी बेहद जरूरी है। समय पर लक्षणों की पहचान और उपचार से संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है।