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उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 पर हाईकोर्ट की रोक, आरक्षण अधिसूचना नहीं होने पर उठे सवाल

High Court stays Uttarakhand Panchayat elections 2025, questions raised over non-notification of reservation

देहरादून, 23 जून 2025: उत्तराखंड में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। नैनीताल हाईकोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया में गजट अधिसूचना जारी न होने को गंभीर मानते हुए यह फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ताओं द्वारा पंचायती राज विभाग के आरक्षण रोस्टर पर आपत्ति दर्ज कराने के बाद अदालत ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी।

दरअसल, प्रदेश में पंचायत चुनाव की अधिसूचना पहले ही जारी हो चुकी है और चुनाव आचार संहिता भी प्रभावी हो चुकी है। इसी बीच नैनीताल हाईकोर्ट में चार याचिकाएं दायर हुईं, जिनमें कहा गया कि सरकार ने अभी तक आरक्षण से संबंधित गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है, जो कि चुनाव से पहले अनिवार्य है।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि जब तक आरक्षण की अधिसूचना आधिकारिक रूप से जारी नहीं होती, तब तक चुनाव की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। इसके चलते अदालत ने आरक्षण पर रोक लगाते हुए चुनाव कार्यक्रम पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया।

पंचायती राज विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया

पंचायती राज विभाग के सचिव चंद्रेश यादव ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि अदालत ने केवल आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाई है, संपूर्ण चुनाव पर नहीं। उन्होंने कहा कि विभाग सोमवार को ही गजट नोटिफिकेशन जारी कर देगा और 24 जून को होने वाली अगली सुनवाई में स्टे हटाने का अनुरोध किया जाएगा।

निर्वाचन आयोग को आदेश का इंतजार

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि आयोग को अब तक हाईकोर्ट का कोई औपचारिक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। आयोग ने अदालत में मौजूद अपने वकील को आदेश की प्रति जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आदेश का अध्ययन करने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि यह रोक चुनाव पर प्रभाव डालती है या नहीं।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव की आचार संहिता को हटाने का अधिकार केवल राज्य निर्वाचन आयोग के पास है, न कि कोर्ट के आदेशों से यह स्वतः हट सकती है।

नजरें अगली सुनवाई पर

अब सभी की निगाहें 24 जून को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जिसमें यह तय होगा कि पंचायत चुनाव अपने तय कार्यक्रम के अनुसार होंगे या आगे बढ़ाए जाएंगे। विभाग और आयोग दोनों ही कानूनी प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही करने की तैयारी में जुट गए हैं।

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