कैंची धाम मेले की सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर प्रशासन अलर्ट, रूट डायवर्जन प्लान लागू
Administration on alert regarding security and arrangements for Kainchi Dham fair, route diversion plan implemented

हल्द्वानी/अल्मोड़ा, 14 जून – बाबा नीम करौली महाराज के प्रसिद्ध कैंची धाम में 15 जून को आयोजित होने वाले स्थापना दिवस मेले के लिए जिला और पुलिस प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु इस पवित्र स्थल पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं, जिससे भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन जाती है। इस बार प्रशासन ने सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजाम किए हैं।
तीन बटालियन पीएसी और 800 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात
कुमाऊं रेंज की आईजी ऋद्धिम अग्रवाल के निर्देशन में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है। इस बार पहली बार बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन के दौरान 15 से 18 जून तक श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाएगा। मेले के दौरान सुरक्षा के लिए 3 बटालियन पीएसी और 800 पुलिस कर्मियों को ड्यूटी पर लगाया गया है।
एटीएस और एसएसबी की भी तैनाती
श्रद्धालुओं की संख्या और संभावित सुरक्षा खतरों को देखते हुए उत्तराखंड की आतंकवाद-निरोधक इकाई (ATS) की एक विशेष टीम को पहली बार कैंची धाम मेले की सुरक्षा में लगाया गया है। इसके अलावा सशस्त्र सीमा बल (SSB) के जवानों को भी मेले और उसके आसपास के क्षेत्रों में तैनात किया गया है। ये टीम भीड़ नियंत्रण, आपदा प्रबंधन और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेगी।
ड्रोन, सीसीटीवी और कंट्रोल रूम से निगरानी
मेले की निगरानी के लिए हाई-टेक व्यवस्थाएं भी की गई हैं। पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और ड्रोन से भी निगरानी की जाएगी। कंट्रोल रूम के माध्यम से सुरक्षा एजेंसियों को रियल-टाइम जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। सूचना और मार्गदर्शन के लिए सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली (PA सिस्टम) भी सक्रिय रहेगा।
यातायात को लेकर ट्रैफिक प्लान लागू
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते यातायात सुचारू बनाए रखने के लिए 14 जून सुबह 7 बजे से 16 जून रात 10 बजे तक रूट डायवर्जन लागू किया गया है। हल्द्वानी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और रानीखेत से आने-जाने वाले वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग तय किए गए हैं। कैंची धाम की ओर जाने वाले श्रद्धालु निर्धारित पार्किंग क्षेत्रों में वाहन खड़ा कर शटल सेवा से मंदिर पहुंच सकेंगे।
प्रशासन का उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करना है ताकि वे निर्विघ्न रूप से दर्शन का लाभ ले सकें।