
कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल): उत्तराखंड को झकझोर देने वाले बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ऐतिहासिक फैसला सुनाने जा रहा है। दो साल आठ महीने की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद न्याय की इस घड़ी का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। इस मामले को लेकर पूरे उत्तराखंड ही नहीं, देशभर की नजरें आज कोटद्वार पर टिकी हुई हैं।
18 सितंबर 2022 को हुई थी हत्या, नहर से मिला था शव
गौरतलब है कि 18 सितंबर 2022 को रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था। वह वनंत्रा रिजॉर्ट में कार्यरत थी, जिसका मालिक पुलकित आर्य मुख्य आरोपी है। 24 सितंबर को नहर से अंकिता का शव बरामद हुआ था, जिसके बाद इस हत्याकांड ने प्रदेशभर में जनाक्रोश की लहर दौड़ा दी थी। जगह-जगह धरने-प्रदर्शन हुए और सोशल मीडिया पर भी यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया।
तीन आरोपियों पर मुकदमा, अभियोजन पक्ष ने पेश किए 47 गवाह
इस मामले में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता तीनों को मुख्य आरोपी बनाया गया। 30 जनवरी 2023 को कोटद्वार एडीजे कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। एसआईटी द्वारा गहन जांच के बाद 500 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया गया। अभियोजन पक्ष की गवाही 28 मार्च 2023 से शुरू हुई, जिसमें कुल 47 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया। एसआईटी ने इस केस में 97 गवाह बनाए थे।
कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
फैसले के मद्देनजर कोटद्वार कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त कर दी गई है। कोर्ट के 200 मीटर के दायरे में बैरिकेडिंग की गई है और धारा 144 लागू करने की तैयारी की गई है। केवल केस से जुड़े लोगों को ही अदालत में प्रवेश की अनुमति दी गई है। पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और उत्तरकाशी से भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। खुद एसएसपी पौड़ी लोकेश्वर सिंह सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं।
परिजनों और जनता में न्याय की उम्मीद
अंकिता के पिता ने स्पष्ट कहा है कि वह आरोपियों को फांसी की सजा दिलवाकर ही चैन लेंगे। वहीं, अंकिता की मां सोनी देवी ने कहा कि उनकी बेटी को इंसाफ मिलना चाहिए और दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने उत्तराखंड की जनता से अपील की कि वे परिवार का समर्थन करें और कोर्ट में उपस्थित होकर उनका मनोबल बढ़ाएं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अंकिता भंडारी ने प्रभावशाली व्यक्ति की हवस का शिकार बनने से इनकार किया और अपनी जान गंवा दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोर्ट आज न्याय करेगा और राज्य की भावनाओं को सम्मान मिलेगा।
आज का दिन उत्तराखंड की न्यायिक व्यवस्था के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है। जनता, प्रशासन और अंकिता का परिवार, सभी को अब उस फैसले का इंतजार है, जो न्याय की उम्मीद लेकर आया है।