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अंकिता भंडारी हत्याकांड: फैसले से पहले पिता की भावुक अपील – “मेरे जीते जी हत्यारों को मिले फांसी”

Ankita Bhandari murder case: Father's emotional appeal before the verdict - "The murderers should be hanged while I am alive"

कोटद्वार, 29 मई – उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में अब फैसले की घड़ी आ चुकी है। पूरे देश की निगाहें इस मामले पर टिकी हुई हैं, क्योंकि 30 मई को कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट में इस संवेदनशील केस पर फैसला आने की उम्मीद है। फैसले से एक दिन पहले अंकिता भंडारी के पिता वीरेन्द्र सिंह भंडारी ने न्यायपालिका से भावुक अपील की है।

वीरेन्द्र भंडारी ने कहा, “मेरी बेटी निर्दोष थी, उसके हत्यारों को मेरे जीते जी फांसी की सजा मिलनी चाहिए। मैं न्याय की उम्मीद लेकर अब तक जी रहा हूं।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में एक वीआईपी व्यक्ति का नाम छुपाकर उसे बचाने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।

क्या है पूरा मामला?

22 वर्षीय अंकिता भंडारी पौड़ी के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित वनंतरा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर कार्यरत थीं। आरोप है कि रिज़ॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता पर आपत्तिजनक कार्यों का दबाव डाला, जिसका उसने विरोध किया। इसी कारण वह नौकरी छोड़ने की योजना बना रही थी।
18 सितंबर 2022 की रात को पुलकित आर्य ने बहाने से अंकिता को रिज़ॉर्ट से बाहर बुलाया और चीला नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद अंकिता के परिजनों को गुमराह करने की कोशिश की गई, लेकिन एक हफ्ते बाद उसका शव नहर से बरामद हुआ।

इस मामले में पुलकित आर्य के साथ रिज़ॉर्ट के दो कर्मचारी – सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता – को भी गिरफ्तार किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया। एसआईटी ने करीब 500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की, जिसमें 97 गवाहों को शामिल किया गया था और 47 ने कोर्ट में बयान दर्ज कराए।

अब पूरे प्रदेश और देश की नजरें कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। क्या अंकिता को मिलेगा न्याय? इसका जवाब 30 मई को सामने आएगा।

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