
17 लाख साइबर अपराध और 11,000 करोड़ रुपये की ठगी से चिंतित हुआ टेलीकॉम सेक्टर
भारत में तेजी से बढ़ते साइबर अपराध ने दूरसंचार कंपनियों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। वर्ष 2024 के पहले नौ महीनों में सामने आए 17 लाख से अधिक साइबर अपराध और करीब 11,000 करोड़ रुपये की ठगी के मामलों के बाद, भारती एयरटेल ने इस गंभीर चुनौती से निपटने के लिए अन्य टेलीकॉम कंपनियों के साथ एकजुट होकर काम करने की अपील की है।
एयरटेल ने जियो और VI को भेजा पत्र, साझा रणनीति की रखी नींव
14 मई 2025 को एयरटेल ने रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया (VI) को पत्र भेजकर साइबर ठगी के खिलाफ एक संयुक्त अभियान चलाने का प्रस्ताव रखा। इस पत्र में फिशिंग कॉल्स, फ्रॉड SMS और URL आधारित ठगी के मामलों में खतरनाक वृद्धि पर चिंता जताई गई है। एयरटेल ने यह पत्र दूरसंचार विभाग (DoT) के सचिव नीरज मित्तल और TRAI प्रमुख अनिल कुमार लाहोटी को भी भेजा है।
एकजुट होकर ही रोकी जा सकती है साइबर धोखाधड़ी: एयरटेल
एयरटेल का मानना है कि साइबर फ्रॉड को रोकना किसी एक कंपनी की जिम्मेदारी नहीं हो सकती। जब किसी उपभोक्ता को एक नेटवर्क पर ठगी का सामना करना पड़ता है, तो इसका असर पूरे टेलीकॉम सेक्टर पर पड़ता है। ऐसे में सभी सेवा प्रदाताओं को मिलकर काम करना जरूरी है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर मजबूत कर रही सुरक्षा व्यवस्था
एयरटेल पहले ही व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर धोखाधड़ी गतिविधियों की पहचान के लिए एक तकनीकी प्रणाली विकसित कर चुकी है। यह सिस्टम संदिग्ध गतिविधियों को रियल टाइम में पकड़कर उपभोक्ताओं को अलर्ट करता है।
सेंट्रल फ्रॉड मॉनिटरिंग सिस्टम बनाने का सुझाव
एयरटेल ने सभी कंपनियों को डेटा साझा करने, रियल टाइम मॉनिटरिंग और एक केंद्रीकृत फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम विकसित करने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही, साइबर जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया गया है ताकि लोग खुद भी सतर्क रहें।
सरकार से नीतिगत सहयोग की मांग
एयरटेल ने सरकार और नियामक संस्थाओं से भी अपील की है कि वे इस संयुक्त प्रयास को समर्थन दें। कंपनी ने भरोसा जताया कि केंद्र सरकार और ट्राई इस दिशा में नीतिगत और तकनीकी सहयोग प्रदान करेंगे।