
पहाड़ों में समय से पहले शुरू हुई बारिश
उत्तराखंड में मानसून की आधिकारिक दस्तक से पहले ही मौसम ने करवट ले ली है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे कई जगहों पर जनजीवन प्रभावित हो गया है। खासकर चमोली, पिथौरागढ़, टिहरी और नैनीताल जैसे जिलों में बारिश के कारण सड़कें अवरुद्ध हुई हैं और बिजली-पानी की आपूर्ति भी बाधित हुई है।
चमोली जिले के 50 गांवों में बिजली गुल
चमोली जिले के देवाल ब्लॉक में बोरागाड़ फीडर में आई तकनीकी खराबी के कारण 50 गांवों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। वहीं, उत्तरकाशी जिले के बड़ेथी क्षेत्र में बारिश के चलते पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। पिथौरागढ़ जिले में भी बारिश के कारण तीन ग्रामीण मार्ग बंद हो गए हैं और धारचूला तथा मदकोट क्षेत्रों में बिजली के तार टूटने से कई गांव अंधेरे में डूबे हुए हैं।
प्राकृतिक आपदा से जान-माल का नुकसान
21 मई को आई तेज बारिश और आंधी के चलते दो गायों की मौत हो गई, जबकि एक मकान को नुकसान पहुंचा है। आंधी-तूफान की वजह से दो महिलाएं भी घायल हुई हैं। टिहरी, चंपावत और पौड़ी जिलों में भी तेज हवाओं और बारिश के कारण बिजली व्यवस्था प्रभावित हुई है। पौड़ी के रसिया महादेव क्षेत्र में नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से स्थानीय लोग डरे हुए हैं।
मौसम विभाग ने 6 दिन का येलो अलर्ट जारी किया
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, 23 मई से 28 मई तक प्रदेश के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और गर्जना के साथ बिजली गिरने की संभावना है। इसके मद्देनजर विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। खासतौर पर पौड़ी, नैनीताल, चम्पावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने तैयारियां तेज कीं
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि लैंडस्लाइड जोन की पहचान कर ली गई है और रोकथाम के कार्य जारी हैं। जिलों में संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और सतर्कता बरतें।