Blogउत्तराखंडसंपादकीयसामाजिक

“पलायन नहीं, पहाड़ में संभावनाएं तलाशें” — देहरादून में हुआ उत्तरजन टुडे सम्मान समारोह 2025

“Don’t migrate, find possibilities in the mountains” — Uttarjan Today Samman Samaroh 2025 held in Dehradun

देहरादून, 12 मई 2025: राजधानी देहरादून में उत्तरजन टुडे द्वारा आयोजित “पहाड़ कैसे हों आबाद?” विषय पर विचार मंथन और उत्तरजन टुडे सम्मान समारोह 2025 का आयोजन भव्य रूप से हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक और एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि पलायन की चुनौती से निपटने के लिए हमें अपनी जड़ों से जुड़कर समाधान खोजने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की योजनाओं को प्राथमिकता दे रही है ताकि लोगों को रोजगार उनके अपने गांवों में ही उपलब्ध हो।

बंशीधर तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार सीमांत गांवों को फिर से बसाने की दिशा में ठोस प्रयास कर रही है और इसके लिए सामूहिक भागीदारी जरूरी है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को सशक्त बनाकर स्थानीय स्तर पर आजीविका के नए अवसर पैदा किए जा रहे हैं।

मिलावटखोरी पर कार्रवाई तेज: ताजबर सिंह जग्गी

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि प्रदेशभर में नकली और मिलावटी उत्पादों पर रोक लगाने के लिए लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री मिले।

पलायन रोकने को सामूहिक जिम्मेदारी: शैलेंद्र सिंह नेगी

ऋषिकेश नगर निगम के नगरायुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि पहाड़ों में बसावट को फिर से जीवित करने के लिए स्थानीय लोगों को आगे आना होगा। उन्होंने भूमि बंदोबस्त और ग्रामीण विकास को लेकर जागरूकता बढ़ाने पर भी जोर दिया।

सामरिक मोर्चे पर भारत मजबूत: जनरल नेगी

पूर्व ले. जनरल गंभीर सिंह नेगी ने भारत की सैन्य रणनीति की सराहना करते हुए कहा कि हालिया आतंकी घटनाओं पर भारत ने जिस तरह से जवाब दिया है, उससे देश की सुरक्षा क्षमता का परिचय मिलता है।

सम्मानित हुए विविध क्षेत्रों के योगदानकर्ता

कार्यक्रम में उत्तरजन टुडे द्वारा सेना के वीर सपूतों, शिक्षकों, डॉक्टरों, खिलाड़ियों, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार वर्षा सिंह ने किया।

इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि पहाड़ों को फिर से आबाद करने के लिए हमें मिलकर सोचने और काम करने की आवश्यकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button