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त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री धामी के कार्यों को सराहा, चारधाम यात्रा और यूसीसी पर दिए अहम बयान

Trivendra Singh Rawat praised the work of Chief Minister Dhami, gave important statements on Chardham Yatra and UCC

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ अपने रिश्तों को लेकर फैली अफवाहों पर विराम लगाते हुए साफ किया कि उनके संबंध शुरू से सौहार्दपूर्ण रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के कार्यों की प्रशंसा करते हुए राज्यहित में हमेशा समर्थन देने की बात कही।

सीएम धामी के साथ रिश्तों को बताया मजबूत

एक साक्षात्कार के दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके संबंध 25 साल पुराने हैं। उन्होंने कहा, “हम दोनों लंबे समय से संगठन में साथ काम कर चुके हैं। मेरे और सीएम धामी के बीच कोई मतभेद नहीं है। कई बार सीएम धामी खुद मुझसे चर्चा करने आते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री उन्हें राज्यहित में किसी भी विषय पर सलाह लेना चाहें, तो वे हमेशा उपलब्ध हैं।

खनन के मुद्दे पर स्पष्ट रुख

हाल ही में अवैध खनन के मुद्दे को लेकर चर्चा में रहे त्रिवेंद्र रावत ने एक बार फिर अपनी बात दोहराई। उन्होंने कहा कि संसद में उठाए गए मुद्दे राज्यहित में थे और अब राज्य सरकार ने उस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने यह भी कहा कि हरिद्वार जैसे क्षेत्रों में खनन पर अब पहले जैसी अनियमितता नहीं है और स्थिति में सुधार हुआ है।

चारधाम यात्रा पर दिए सुझाव

त्रिवेंद्र रावत ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को पहले से बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि अब यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सुविधाएं और अस्पताल पहले से ज्यादा सक्रिय हैं। उन्होंने राज्य सरकार को सुझाव दिया कि गढ़वाल क्षेत्र में चारधाम यात्रा के बेहतर प्रबंधन के लिए एक पूर्णकालिक कमिश्नर की नियुक्ति की जाए, जिससे व्यवस्थाएं और अधिक मजबूत हों।

समान नागरिक संहिता को बताया क्रांतिकारी निर्णय

यूसीसी पर बोलते हुए त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होना एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा ‘एक देश, एक कानून’ की नीति की पक्षधर रही है और मुख्यमंत्री धामी व प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह संभव हो पाया। उन्होंने उम्मीद जताई कि अन्य राज्य भी इस मॉडल को अपनाएंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री के इस बयान को राज्य में सकारात्मक राजनीति और समन्वय की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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