
श्रीनगर, 23 अप्रैल: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम के बैसरन घास के मैदान में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। इस हमले में कई अन्य घायल हुए हैं, जिन्हें हेलिकॉप्टर और घोड़ों के जरिए घटनास्थल से निकालकर अस्पताल भेजा गया।
पर्यटकों को बनाया निशाना, नाम पूछकर मारी गोली
प्रत्यक्षदर्शियों और अधिकारियों के अनुसार, बंदूकधारियों ने पर्यटकों के नाम पूछकर गोलियां चलाईं। पीड़ितों में कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात से आए सैलानी शामिल थे। एक महिला प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आतंकियों ने नाम पूछने के बाद उनके पति के सिर में गोली मारी। हमले में हैदराबाद में तैनात आईबी अधिकारी मनीष रंजन भी मारे गए, जिन्हें उनके परिवार के सामने गोली मारी गई।
नौसेना अधिकारी विनय नरवाल की नई शादी टूटी
इस आतंकी हमले में इंडियन नेवी के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की भी जान चली गई। करनाल निवासी नरवाल की शादी इसी महीने 6 अप्रैल को हुई थी। वह अपनी पत्नी के साथ हनीमून पर पहलगाम आए थे।
घटनास्थल पर शुरू हुआ तलाशी अभियान
हमले के बाद सुरक्षा बलों ने बैसरन क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। यह इलाका घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जहां पैदल या घोड़े से ही पहुंचा जा सकता है। अधिकारियों के अनुसार, हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है।
राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कई राजनीतिक दलों ने घटना की कड़ी निंदा की है। उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और सेना व पुलिस ने सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
पर्यटकों के लिए हेल्पलाइन जारी
घटना के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। पर्यटक किसी भी मदद के लिए इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। श्रीनगर और अनंतनाग में 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए गए हैं।
अमरनाथ यात्रा से पहले हमला, सुरक्षा पर सवाल
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब कश्मीर में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है और अमरनाथ यात्रा शुरू होने में दो महीने से भी कम समय बचा है। कांग्रेस ने घटना को सुरक्षा विफलता बताया और केंद्र सरकार के सुरक्षा दावों पर सवाल उठाए।
15-20 वर्षों बाद इस तरह का बड़ा आतंकी हमला जम्मू-कश्मीर में हुआ है, जिसने न केवल पर्यटकों में डर पैदा किया है, बल्कि प्रशासन की सुरक्षा तैयारियों पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। अब निगाहें सुरक्षा बलों की कार्रवाई और दोषियों की गिरफ्तारी पर टिकी हैं।