
देहरादून: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) ने विभिन्न परीक्षाओं से जुड़ी अहम जानकारी साझा की है। इसमें PCS मुख्य परीक्षा के एक पेपर को रद्द करने और राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती की तिथियों की घोषणा शामिल है।
PCS मुख्य परीक्षा का पेपर रद्द, अब 14 मई को होगी पुनर्परीक्षा
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित PCS मुख्य परीक्षा का एक प्रश्न पत्र रद्द कर दिया गया है। यह निर्णय अभ्यर्थियों की ओर से पेपर के सिलेबस से बाहर होने की शिकायत के बाद लिया गया। आयोग ने पुष्टि की है कि अब यह परीक्षा 14 मई 2025 को दोबारा आयोजित की जाएगी।
आयोग ने पहले यह परीक्षा 2 से 5 फरवरी 2025 के बीच आयोजित की थी, लेकिन सामान्य अध्ययन – 1 (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व इतिहास एवं भूगोल, समाज) के प्रश्न पत्र को शिकायतों के बाद रद्द कर दिया गया। पुनर्परीक्षा के लिए 30 अप्रैल को प्रवेश पत्र जारी किए जाएंगे। परीक्षार्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर परीक्षा से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
राजकीय पॉलीटेक्निक प्रधानाचार्य भर्ती परीक्षा 30 मार्च को
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में प्रधानाचार्य के 14 खाली पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा की तिथि घोषित कर दी है। यह परीक्षा 30 मार्च 2025 को आयोजित की जाएगी और परीक्षा केंद्र उत्तराखंड लोक सेवा आयोग भवन में रहेगा।
आवेदन और दस्तावेज जमा करने की अंतिम तिथि 1 अप्रैल
परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को 1 अप्रैल 2025 तक अपने सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। आयोग ने स्पष्ट किया है कि परीक्षार्थियों को ऑनलाइन आवेदन पत्र और चेकलिस्ट आयोग की वेबसाइट (www.psc.uk.gov.in) से डाउनलोड करनी होगी। साथ ही, आवेदन पत्र में किए गए दावों के अनुसार सभी शैक्षणिक एवं अनुभव प्रमाण पत्र निर्धारित समय सीमा के भीतर आयोग के कार्यालय में जमा करना अनिवार्य होगा।
महत्वपूर्ण जानकारी आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध
परीक्षा से संबंधित विस्तृत जानकारी उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे परीक्षा से जुड़े अपडेट के लिए नियमित रूप से वेबसाइट पर नजर बनाए रखें।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा लिए गए इन फैसलों का सीधा असर PCS अभ्यर्थियों और राजकीय पॉलीटेक्निक प्रधानाचार्य भर्ती की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों पर पड़ेगा। परीक्षा प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है।