
हैदराबाद:इलेक्टोरल बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गई है। साइबर अपराधियों ने कंपनी के ईमेल में मामूली बदलाव कर 5.47 करोड़ रुपये की ठगी कर ली।
कैसे हुआ खुलासा?
- 2022 में मेघा इंजीनियरिंग ने एक डच कंपनी से उपकरण खरीदने का ऑर्डर दिया था।
- भुगतान के बाद कंपनी को हर बार पुष्टिकरण (कन्फर्मेशन) ईमेल मिला।
- 29 नवंबर, 2024 को एक फर्जी ईमेल आया, जिसमें भुगतान के लिए नया बैंक खाता देने की बात कही गई।
- कंपनी को शक तब हुआ जब डच कंपनी ने भुगतान की पुष्टि मांगी।
- जांच करने पर पता चला कि फर्जी ईमेल में कंपनी की असली आईडी से सिर्फ एक अक्षर अलग था।
कैसे हुई साइबर ठगी?
- 24 जनवरी, 2025 – 3.18 लाख यूरो (₹2.87 करोड़) फर्जी खाते में ट्रांसफर
- 29 जनवरी, 2025 – 2.89 लाख यूरो (₹2.60 करोड़) और ट्रांसफर किए
- कुल ठगी: 5.47 करोड़ रुपये
कंपनी ने दर्ज कराई शिकायत
- तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो (TGCSB) में मामला दर्ज।
- अपराधियों को ट्रैक करने और पैसे की वसूली के लिए जांच जारी।
इलेक्टोरल बॉन्ड में मेघा इंजीनियरिंग का बड़ा योगदान
- चुनाव आयोग के आंकड़ों (मार्च 2024) के अनुसार, MEIL इलेक्टोरल बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार थी।
- कुल 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे।
- राजनीतिक दलों को दिए गए चंदे की सूची:
- BJP: ₹586 करोड़
- BRS: ₹195 करोड़
- DMK: ₹85 करोड़
- YSRCP: ₹37 करोड़
- TDP: ₹25 करोड़
- कांग्रेस: ₹17 करोड़
- JDS, जन सेना पार्टी और JDU को 5-10 करोड़ रुपये का चंदा
जांच जारी, कंपनी सतर्क
अब यह देखना होगा कि क्या साइबर सुरक्षा एजेंसियां इस ठगी के पीछे के अपराधियों तक पहुंच पाती हैं और क्या कंपनी को उसका पैसा वापस मिल पाएगा।