
चंद्रपुर: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में फर्जी मतदाता पंजीकरण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद फिर से चर्चाएं तेज हो गई हैं।
चंद्रपुर जिले के राजुरा विधानसभा क्षेत्र में 6,866 फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़ने का खुलासा हुआ था। जिला चुनाव अधिकारियों ने इन फर्जी नामों को सूची से हटा दिया और मामला भी दर्ज किया, लेकिन चार महीने बीतने के बावजूद जांच आगे नहीं बढ़ पाई है।
कैसे हुआ फर्जी मतदाता घोटाले का खुलासा?
- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 38,637 नए मतदाता जोड़े गए थे, जिनमें राजुरा में 11,000 नए नाम शामिल थे।
- स्थानीय लोगों ने संदेह जताया कि गांवों की मतदाता सूची में अज्ञात और गैर-मराठी नाम अचानक जोड़ दिए गए।
- गड़चांदूर, बीबी और कोरपना जैसी जगहों पर ऐसे लोगों के नाम मिले, जो वहां के निवासी ही नहीं थे।
- जांच के दौरान पाया गया कि 6,866 मतदाता फर्जी थे, जिन्हें बाद में हटा दिया गया।
जांच में देरी क्यों? प्रशासन पर उठ रहे सवाल
- मामले में थाने में शिकायत दर्ज होने के बावजूद, अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
- जिला कलेक्टर विनय गौड़ा ने कहा कि “पुलिस जांच कर रही है,” लेकिन जांच की स्थिति अस्पष्ट बनी हुई है।
- कांग्रेस के पूर्व विधायक सुभाष धोटे ने प्रशासन पर ढील बरतने का आरोप लगाया और निष्पक्ष जांच की मांग की।
राजनीतिक असर और भाजपा पर आरोप
- विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार देवराव भोंगले विजयी हुए, जबकि कांग्रेस के सुभाष धोटे को हार का सामना करना पड़ा।
- राहुल गांधी का दावा है कि सबसे ज्यादा नए मतदाता उन्हीं क्षेत्रों में जोड़े गए, जहां भाजपा जीती।
पुलिस और प्रशासन की चुप्पी, सवालों के घेरे में जांच
ईटीवी भारत के रिपोर्टर द्वारा पुलिस अधीक्षक सुदर्शन मुमक्का से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
अब देखना होगा कि क्या इस चुनावी घोटाले पर कोई ठोस कार्रवाई होगी या मामला सिर्फ जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।