Blogदेशपर्यटन

भारत में चीता संरक्षण की बड़ी सफलता: कूनो में दो नन्हें शावकों ने ली जन्म

Big success of cheetah conservation in India: Two little cubs born in Kuno

चीतों की संख्या बढ़कर 26, कूनो नेशनल पार्क में खुशी की लहर

भारत में चीतों के पुनर्वास और संरक्षण के ऐतिहासिक प्रोजेक्ट से एक और खुशखबरी आई है। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता वीरा ने दो नन्हें शावकों को जन्म दिया है, जिससे देश में चीतों की कुल संख्या बढ़कर 26 हो गई है। इस शानदार उपलब्धि की जानकारी केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने साझा की और इसे भारत की ‘जंगल बुक’ का नया अध्याय बताया।

केंद्रीय वन मंत्री ने साझा की खुशखबरी

केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस महत्वपूर्ण समाचार को साझा करते हुए लिखा:

“नन्हें चीतों की किलकारी से फिर गूंजा कूनो… मध्य प्रदेश की ‘जंगल बुक’ में 2 चीता शावकों की दस्तक! यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि चीतों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। प्रदेशवासियों को इस उपलब्धि पर बधाई एवं प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारियों, चिकित्सकों और फील्ड स्टाफ को धन्यवाद।”

उन्होंने यह भी कहा कि चीतों की बढ़ती संख्या से मध्य प्रदेश के पर्यटन को नई ऊर्जा मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे

भारत में जन्मे शावकों की संख्या हुई 19

मादा चीता वीरा की सावधानीपूर्वक निगरानी की जा रही थी, और उसे कूनो नेशनल पार्क के आठ नंबर बाड़े में रखा गया था। वीरा के इन दो शावकों के जन्म के बाद अब भारत में जन्मे चीतों की कुल संख्या 19 हो चुकी है, जिनमें से 14 शावक अभी जीवित हैं

शावकों को जन्म देने वाली चौथी मादा बनी वीरा

वीरा भारत में चीता शावकों को जन्म देने वाली चौथी मादा चीता बन गई है। इससे पहले तीन अन्य मादा चीताएं शावकों को जन्म दे चुकी हैं

चीतों के पुनर्वास का ऐतिहासिक सफर

  • 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीतों को भारत लाया गया था।
  • इन चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बसाया गया।
  • हाल ही में दो चीते ‘वायु’ और ‘पवन’ को खुले जंगल में छोड़ा गया
  • अब दो नए शावकों के जन्म से भारत के चीता पुनर्वास मिशन को और मजबूती मिली है

क्या यह भारत में चीता प्रोजेक्ट की बड़ी सफलता है?

बिल्कुल! भारत में विलुप्त हो चुके चीतों को फिर से बसाने का यह प्रयास एक ऐतिहासिक उपलब्धि साबित हो रहा है। कूनो में चीतों की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि भारत का चीता प्रोजेक्ट सही दिशा में आगे बढ़ रहा है और आने वाले वर्षों में यह देश के वन्यजीव संरक्षण के लिए एक मिसाल बनेगा।

अब कूनो नेशनल पार्क न केवल भारत में चीता संरक्षण का केंद्र बन चुका है, बल्कि यह दुनिया भर के वन्यजीव प्रेमियों के आकर्षण का भी केंद्र बनता जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button