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उत्तराखंड के बुनकरों के लिए सीएम धामी का अनोखा प्रयास: ‘वोकल फॉर लोकल’ को दे रहे नया आयाम

CM Dhami's unique effort for the weavers of Uttarakhand: Giving a new dimension to 'Vocal for Local'

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान से प्रेरित होकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य में स्थानीय बुनकरों और कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए खुद उनकी बनाई जैकेट पहनकर इस अभियान को बढ़ावा दे रहे हैं। सीएम धामी ने अपने इस कदम के जरिए राज्य के पारंपरिक कारीगरों को आर्थिक मजबूती और पहचान दिलाने की पहल की है।

स्थानीय बुनकरों का समर्थन: ‘ट्वीड जैकेट’ बना पहचान

सीएम धामी को इन दिनों सरकारी और राजनीतिक कार्यक्रमों में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे मलारी और मुनस्यारी, में तैयार किए गए ट्वीड जैकेट पहने देखा जा रहा है। यह पहल न केवल राज्य के रेडीमेड गारमेंट्स को पहचान दिला रही है, बल्कि स्थानीय कारीगरों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शा रही है।
सीएम धामी का कहना है कि “स्थानीय उत्पादों को अपनाकर हम न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना सकते हैं, बल्कि परंपराओं को भी जीवित रख सकते हैं।”

पारंपरिक कारीगरों और उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा

सरकार ने राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों को स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। इससे पारंपरिक कारीगरों को न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
सीएम धामी ने कहा, “स्थानीय उत्पादों को अपनाने से हमारे कारीगरों का हौसला बढ़ेगा और उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी। यह पहल आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी मजबूती प्रदान करेगी।”

‘वोकल फॉर लोकल’ के माध्यम से रोजगार के नए अवसर

सीएम धामी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह पहल रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकती है। उन्होंने कहा, “स्थानीय उत्पादों को अपनाकर हम रोजगार के नए आयाम खोल सकते हैं। राज्य के कारीगरों और बुनकरों को समर्थन देकर हम उनकी मेहनत का सही मूल्य सुनिश्चित कर सकते हैं।”

स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग पर जोर

सीएम धामी का उद्देश्य न केवल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है, बल्कि उनकी ब्रांडिंग को भी मजबूत करना है। उन्होंने राज्य के पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचाने का संकल्प लिया है।
पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड के बुनकरों और कारीगरों ने अद्वितीय और गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाए हैं, लेकिन उनकी पहुंच सीमित रही है। सीएम धामी के इस कदम से उन्हें एक व्यापक बाजार मिलने की उम्मीद है।

सीएम धामी ने दिया संदेश

मुख्यमंत्री ने कहा, “वोकल फॉर लोकल केवल एक नारा नहीं है, यह आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का एक माध्यम है। इससे हमारे स्थानीय लोगों की आर्थिकी मजबूत होगी और राज्य के पारंपरिक उत्पादों को नई पहचान मिलेगी।”

सार्वजनिक समर्थन और सकारात्मक प्रभाव

सीएम धामी की इस पहल को जनता और विशेषज्ञों का व्यापक समर्थन मिल रहा है। स्थानीय कारीगरों का कहना है कि सरकार की यह पहल उनके जीवन में बदलाव ला सकती है।
एक स्थानीय बुनकर ने कहा, “सीएम धामी का हमारे उत्पादों को पहनकर प्रचार करना हमारे लिए गर्व की बात है। इससे हमें अपने काम के लिए प्रोत्साहन मिलता है।”

निष्कर्ष

सीएम धामी की ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल उत्तराखंड के पारंपरिक कारीगरों और उत्पादों को नई पहचान देने की दिशा में एक मजबूत कदम है। उनके नेतृत्व में राज्य न केवल आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, बल्कि अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित कर रहा है। यह पहल आने वाले समय में राज्य की अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी।

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