
शीतकालीन यात्रा में छह हजार से अधिक श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन
ज्योर्तिमठ। नए साल के पहले दिन, बुधवार को जोशीमठ स्थित भगवान नृसिंह मंदिर और शंकराचार्य गद्दी स्थल में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। शीतकालीन यात्रा की शुरुआत के बाद से अब तक करीब छह हजार श्रद्धालु नृसिंह मंदिर के दर्शन कर चुके हैं।
धार्मिक आस्था का केंद्र
ज्योर्तिमठ के नृसिंह मंदिर, वासुदेव मंदिर, और दुर्गा मंदिर श्रद्धालुओं के लिए गहरी आस्था के केंद्र हैं। यहां स्थित शंकराचार्य की शीतकालीन गद्दी का भी विशेष महत्व है। नए साल के पहले दिन, लगभग 350 से अधिक श्रद्धालु नृसिंह भगवान के दर्शन के लिए पहुंचे।
औली में बर्फबारी ने बढ़ाई पयर्टकों की संख्या
बीते दिनों औली में हुई बर्फबारी के चलते यहां पयर्टकों की संख्या में इजाफा हुआ है। औली आने वाले पयर्टक भी नृसिंह मंदिर और पांडुकेश्वर स्थित योग ध्यान बद्री मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे हैं। धार्मिक स्थलों के साथ शीतकाल में पयर्टक प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद ले रहे हैं।
शीतकालीन यात्रा का प्रथम वर्ष
बीकेटीसी के प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट ने बताया कि यह पहली बार है जब शीतकालीन यात्रा का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में शीतकाल में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पयर्टक गद्दी स्थलों पर पहुंचेंगे।
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं उपलब्ध
कुलदीप भट्ट ने यह भी बताया कि श्रद्धालुओं और पयर्टकों के लिए रहने और खाने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। वर्तमान में किसी भी प्रकार की असुविधा की शिकायत सामने नहीं आई है।
धार्मिक और पयर्टन का अनोखा मेल
शीतकालीन यात्रा के दौरान श्रद्धालु बिना भीड़-भाड़ के मंदिरों के दर्शन कर पा रहे हैं। धार्मिक आस्था और पयर्टन के इस अनोखे मेल ने शीतकाल में जोशीमठ क्षेत्र को और भी आकर्षक बना दिया है।