देहरादून: साइबर ठगों का खौफनाक जाल, बुजुर्ग महिला से 61 लाख की ठगी
Dehradun: Cyber fraudsters trap an elderly woman, duped of Rs 61 lakh

गिरफ्तारी और एनकाउंटर का डर दिखाकर की ठगी
देहरादून के जीएमएस रोड की 74 वर्षीय उमेश बाला साइबर ठगों का शिकार बन गईं। ठगों ने क्रेडिट कार्ड से गैरकानूनी लेनदेन और गिरफ्तारी का डर दिखाते हुए 14 दिनों तक उन्हें मानसिक तनाव में रखा।
फर्जी CBI अधिकारी बनकर किया विश्वासघात
साइबर अपराधियों ने खुद को हैदराबाद क्राइम ब्रांच और सीबीआई अधिकारी बताकर बुजुर्ग महिला को एक फर्जी गैंग में फंसने की बात कहकर धमकाया। आधार कार्ड गुम होने की जानकारी मिलने पर इसे अपराध से जोड़ा गया।
लाखों रुपए ट्रांसफर करने का दबाव
- 4 दिसंबर: डेढ़ लाख के फर्जी लेनदेन का आरोप लगाकर ठगों ने 10 लाख रुपए ट्रांसफर कराए।
- 5-7 दिसंबर: ठगों ने क्रमशः 12 लाख, 9 लाख, और 10 लाख रुपए की मांग की।
- 11-18 दिसंबर: ठगों ने 13 लाख और 7 लाख रुपए और ट्रांसफर कराने के लिए मजबूर किया।
इस तरह महिला ने कुल 61 लाख रुपए साइबर ठगों के खाते में जमा कर दिए।
डर से जेवर तक गिरवी रखे
ठगों के बार-बार दबाव और धमकी से डरकर महिला ने अपने जेवर बैंक में गिरवी रख दिए और ठगों के बताए खाते में रकम जमा की।
पुलिस ने दर्ज की शिकायत, जांच जारी
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने उमेश बाला की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
- खातों की जांच: जिन खातों में राशि जमा की गई, उनकी पहचान की जा रही है।
- साइबर अपराधियों का पता लगाने का प्रयास: पुलिस ने ठगों तक पहुंचने के लिए विशेष जांच दल गठित किया है।
बुजुर्गों के लिए चेतावनी और जागरूकता की अपील
सीओ साइबर अंकुश मिश्रा ने कहा कि बुजुर्गों और नागरिकों को ऐसे मामलों में सतर्क रहने की जरूरत है। किसी भी संदिग्ध कॉल पर सीधे पुलिस को सूचना दें।
यह घटना साइबर अपराधियों के बढ़ते दुस्साहस और बुजुर्गों को निशाना बनाने की गंभीर समस्या को उजागर करती है। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई और ठगों की गिरफ्तारी से पीड़ित को न्याय मिलने की उम्मीद है।