झारखंड में पहले चरण की वोटिंग कल,
"बीजेपी के लिए कोल्हान जीतना क्यों जरूरी?

नई दिल्ली:झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार खत्म हो गया है. सभी राजनीतिक दलों ने जोर-शोर से अभियान चलाया. झारखंड में सत्तारूढ़ जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी और वामदलों का गठबंधन अपनी सरकार की वापसी के प्रयास कर रहा है. वहीं बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को हटाने के लिए जोर-शोर से लगा हुआ है।
बीजेपी की सबसे बड़ी चुनौती कोल्हान है.
यह झारखंड का एक ऐसा इलाका है, जहां बीजेपी काफी कमजोर है. पिछले विधानसभा चुनाव में उसे इस इलाके से एक सीट भी नहीं मिली थी.झारखंड में पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को होगा. जिन इलाकों में मतदान होगा, उनमें कोल्हान का इलाका भी शामिल है. यह एक ऐसा इलाका है, जहां पिछले चुनाव में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली थी. आइए जानते हैं कोल्हान के लिए इस बार बीजेपी की रणनीति क्या है।
कोल्हान का समीकरण क्या है
कोल्हान में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला खरसावा जिले शामिल हैं. इन तीनों जिलों में विधानसभा की 14 सीटें हैं. इनमें पूर्वी सिंहभूम में 6, पश्चिमी सिंहभूम में 5 और सरायकेला खरसावा में 3 सीटें हैं. इनमें से 9 सीटें अनुसूचित जाति और एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. इन सभी सीटों पर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 13 नवंबर को मतदान कराया जाएगा।साल 2019 के चुनाव में यहां झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 11, कांग्रेस ने दो और एक सीट निर्दलीय ने जीती थीं. लेकिन बीजेपी का खाता भी नहीं खुल पाया था. हालत यह थी कि मुख्यमंत्री रघुवर दास का विधानसभा क्षेत्र भी कोल्हान में ही आता है. लेकिन वो पिछला चुनाव निर्दलीय सरयू राय से हार गए थे. कोल्हान में मिली हार को बीजेपी ने काफी गंभीरता से लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोल्हान का इस बार दो बार दौरा कर चुके हैं. इसके अलावा सितंबर में पीएम मोदी पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर आए थे. उस दौरान पीएम ने 6 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रनों को हरी झंडी दिखाई. इसके अलावा उन्होंने 660 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी थी।