
देहरादून (उत्तराखंड): गंगोत्री धाम के कपाट आज विधिवत रूप से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। दोपहर 12:14 बजे परंपराओं के साथ मां गंगा की उत्सव डोली मुखबा गांव के लिए रवाना हुई, जहां अगले छह महीने तक श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे।
इस वर्ष 10 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड के पवित्र स्थलों के दर्शन करने पहुंचे। गंगोत्री धाम में 8,11,542 और यमुनोत्री धाम में 7,10,210 श्रद्धालुओं का आगमन हुआ, जो इस यात्रा की महत्ता को दर्शाता है। यात्रा के अंतिम दिनों में भी भक्तों का उत्साह देखने को मिला, जहां हर दिन बड़ी संख्या में लोग भगवान के दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं।
शीतकाल में चारधाम के अन्य कपाट भी क्रमशः बंद किए जा रहे हैं। भैया दूज के दिन, 3 नवंबर को, केदारनाथ धाम के कपाट सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए बंद होंगे। इसके बाद बाबा केदारनाथ की उत्सव डोली ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में छह महीने के लिए विराजमान होगी। यमुनोत्री धाम के कपाट भी उसी दिन दोपहर 12:05 बजे बंद किए जाएंगे, जिसके बाद मां यमुना खरसाली गांव में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगी।
बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर और द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 20 नवंबर को बंद होंगे। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है, लेकिन श्रद्धालुओं में उत्साह अभी भी कायम है। बड़ी संख्या में लोग इन पवित्र स्थलों की यात्रा कर रहे हैं, जो उनकी गहरी आस्था को दर्शाता है।