Dehradun Update: उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग का आदेश: पनाचे सोसाइटी के निवासियों को व्यक्तिगत विद्युत कनेक्शन की मंजूरी
Uttarakhand Electricity Regulatory Commission order: Approval of individual electricity connection to residents of Panache Society

देहरादून 14अक्टूबर 2024: 7 अक्टूबर 2024 को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) ने एक अहम आदेश जारी किया, जिससे पनाचे रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (PRWA) और निवासियों के बीच चल रहे लंबे विवाद का निपटारा हुआ। आदेश के तहत अब पनाचे सोसाइटी के निवासी व्यक्तिगत विद्युत कनेक्शन ले सकेंगे, यदि अधिकांश निवासियों की सहमति हो। आयोग ने स्पष्ट किया कि बिजली आपूर्ति और मेंटेनेंस शुल्क को अलग रखा जाए और किसी भी उपभोक्ता की बिजली आपूर्ति मेंटेनेंस शुल्क के बकाया के कारण बाधित नहीं की जाएगी।
विवाद की पृष्ठभूमि:
पनाचे रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (PRWA) ने निवासियों को व्यक्तिगत कनेक्शन देने का विरोध किया था, यह कहते हुए कि इससे सोसाइटी की साझा पॉइंट बिजली कनेक्शन प्रणाली और मेंटेनेंस चार्ज व्यवस्था में दिक्कतें आएंगी। उन्होंने दावा किया कि यह सोसाइटी के प्रबंधन को प्रभावित करेगा और अतिरिक्त बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पैदा करेगा।
दूसरी ओर, निवासियों ने तर्क दिया कि PRWA बिजली के प्रीपेड मीटर के जरिए मनमाना मेंटेनेंस शुल्क वसूल रही थी और उनके अधिकारों का उल्लंघन कर रही थी। निवासियों के वकीलों ने इसे न्याय प्रणाली की जीत बताते हुए कहा कि इससे UPCL को अपनी जिम्मेदारियों का पालन करते हुए निवासियों के हितों की रक्षा करने का अवसर मिलेगा।
आयोग का निर्णय:
आयोग ने आदेश दिया कि:
1. व्यक्तिगत कनेक्शन का अधिकार: पनाचे सोसाइटी के निवासियों को, यदि बहुमत सहमत हो, व्यक्तिगत बिजली कनेक्शन लेने का अधिकार होगा। यह अधिकार “बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) संशोधन नियम, 2024” के तहत दिया गया है।
2. बिजली और मेंटेनेंस शुल्क का पृथक्करण: PRWA को बिजली और मेंटेनेंस शुल्क को अलग रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि मेंटेनेंस बकाया के आधार पर बिजली आपूर्ति बाधित न हो।
3. UPCL की जिम्मेदारी: UPCL को निवासियों के बीच मतदान प्रक्रिया आयोजित करने और जरूरत पड़ने पर व्यक्तिगत कनेक्शन प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही प्रदेशभर में इस तरह के अन्य मामलों का अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया गया है।
आदेश का महत्व:
यह आदेश राज्य में “बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) संशोधन नियम, 2024” के तहत आने वाले पहले फैसलों में से एक है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।