उत्तराखंड

तीन महीने में पार हुए 41 लाख श्रद्धालु, बारिश भी नहीं रोक पाई आस्था की बाढ़

41 lakh devotees crossed the limit in three months, even rain could not stop the flood of faith

देहरादून: उत्तराखंड में भारी बारिश और आपदा की चेतावनियों के बीच भी चारधाम यात्रा श्रद्धालुओं के उत्साह को नहीं डिगा पाई है। अप्रैल से जुलाई के बीच केवल तीन महीनों में ही 41 लाख से अधिक लोग केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। आशंका जताई जा रही है कि यदि यही रफ्तार जारी रही, तो 2025 का यात्रा सीजन अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना सकता है।

मौसम की चुनौतियों के बीच बढ़ती श्रद्धा

सामान्यत: जुलाई और अगस्त को चारधाम यात्रा का धीमा सीजन माना जाता है, क्योंकि इस दौरान मॉनसून के कारण रास्ते बंद होना, भूस्खलन और आपदाएं आम होती हैं। फिर भी इस बार हर दिन औसतन 14,000 श्रद्धालु यात्रा पर निकल रहे हैं। यह संख्या स्पष्ट संकेत देती है कि श्रद्धालुओं की आस्था मौसम से बड़ी साबित हो रही है।

राज्य सरकार लगातार मौसम से जुड़ी चेतावनियां जारी कर रही है और श्रद्धालुओं को सलाह दे रही है कि वे यात्रा से पहले मौसम की स्थिति अवश्य जांच लें। इसके बावजूद यात्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं देखी जा रही है।

2025 में टूट सकता है अब तक का रिकॉर्ड

आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में सबसे अधिक 56 लाख श्रद्धालु यात्रा पर पहुंचे थे। 2024 में यह संख्या 48 लाख रही थी। लेकिन इस वर्ष 30 अप्रैल से 28 जुलाई तक ही 41 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। ऐसे में संभावना है कि यह आंकड़ा इस बार 60 लाख को पार कर जाएगा।

गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे का कहना है कि अभी यात्रा का ‘लीन सीजन’ चल रहा है, लेकिन अगस्त के बाद जब पीक सीजन शुरू होगा, तब संख्या में और उछाल आ सकता है।

धामवार दर्शन के आंकड़े (30 अप्रैल – 28 जुलाई 2025)

  • केदारनाथ धाम: 14,39,966
  • बदरीनाथ धाम: 12,05,798
  • गंगोत्री धाम: 6,62,989
  • यमुनोत्री धाम: 5,80,433
  • हेमकुंड साहिब: 2,23,809

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि केदारनाथ और बदरीनाथ धाम सबसे अधिक श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं, वहीं हेमकुंड साहिब में भी इस बार खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।

सरकार की सतर्कता और श्रद्धालुओं से अपील

राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग सतर्कता बरतते हुए यात्रा मार्गों की निगरानी कर रहे हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष दलों की तैनाती की गई है। साथ ही, श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे मौसम पूर्वानुमान देखकर यात्रा करें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।

चारधाम यात्रा 2025 न सिर्फ श्रद्धा की मिसाल बन रही है, बल्कि यह आस्था के बल पर नया रिकॉर्ड रचने की दिशा में भी अग्रसर है। प्रशासनिक सहयोग और श्रद्धालुओं की प्रतिबद्धता इसे एक ऐतिहासिक यात्रा बना सकती है।

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