
अल्मोड़ा: अल्मोड़ा जिले के मारचूला इलाके में सोमवार, 4 नवंबर को हुए दर्दनाक बस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं। यह हादसा सुबह करीब 9:15 बजे हुआ, जब पौड़ी से रामनगर की ओर जा रही एक बस कूपी गांव के पास एक गहरी खाई में गिर गई। हादसे के समय बस में 50 से अधिक यात्री सवार थे। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है, और राहत एवं बचाव कार्य तेजी से जारी है।
घायलों की गंभीर स्थिति, एयरलिफ्ट की व्यवस्था
अल्मोड़ा के जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि हादसे में गंभीर रूप से घायल लोगों को रामनगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने तीन गंभीर घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद ऋषिकेश एम्स रेफर किया। इनमें से तीन मरीजों को तुरंत एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स भेजा गया है, जहां उनका इलाज जारी है। एक अन्य घायल को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में रेफर किया गया है। शेष घायलों का रामनगर सरकारी अस्पताल में उपचार चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने किया हादसे पर शोक व्यक्त, घायलों और मृतकों के लिए सहायता राशि की घोषणा
इस दुखद घटना पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरी संवेदना व्यक्त की और मृतकों के परिजनों के लिए 4-4 लाख रुपये और घायलों के लिए 1-1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। सीएम धामी इस समय दिल्ली में थे, लेकिन घटना की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने अपनी सभी महत्वपूर्ण बैठकें और कार्यक्रम रद्द कर दिए। सीएम जल्द ही दिल्ली से पंतनगर एयरपोर्ट के लिए रवाना होने वाले हैं, जहां से वे सीधे घटनास्थल या अस्पताल जाकर घायलों का हाल-चाल ले सकते हैं।
राहत और बचाव कार्यों की निगरानी में जुटे अधिकारी
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्यों को अंजाम देना शुरू कर दिया। अल्मोड़ा के जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। जिला प्रशासन, पुलिस और मेडिकल टीमों के संयुक्त प्रयासों से घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम तेजी से चल रहा है। स्थानीय निवासियों ने भी राहत कार्यों में सहयोग किया, जिससे बचाव कार्यों में तेजी लाई जा सकी।
सुरक्षा पर चिंताएं, सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर ध्यान देने की आवश्यकता
उत्तराखंड में पहाड़ी इलाकों में अक्सर ऐसे हादसे देखने को मिलते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी सड़कों पर सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। मुख्यमंत्री धामी ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है।