
नई शिक्षा नीति 2020: उत्तराखंड में प्राथमिक शिक्षा में सांस्कृतिक लोक विरासत और इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करने की शुरुआत
देहरादून: उत्तराखंड में अब प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में राज्य की सांस्कृतिक लोक विरासत, गौरवमयी इतिहास और महान विभूतियों के जीवन पर आधारित सामग्री शामिल की जाएगी। यह कदम नई शिक्षा नीति 2020 के तहत उठाया गया है, जिससे नौनिहाल अपने इतिहास और संस्कृति को बेहतर तरीके से जान सकेंगे।
‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’ पुस्तक तैयार, कक्षा 6 से 8 तक पढ़ाई जाएगी
उत्तराखंड सरकार ने राज्य के शिक्षा विभाग को “हमारी विरासत एवं विभूतियां” पुस्तक तैयार करने का जिम्मा सौंपा, जिसे अब कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए शैक्षिक सत्र 2025-26 से पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। यह पुस्तक राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, लोकगीत, लोकनृत्य, सांस्कृतिक विविधता, राज्य का इतिहास, और राजनीतिक-सांस्कृतिक आंदोलनों के बारे में विस्तृत जानकारी देगी।
SCERT द्वारा तैयार की गई पुस्तक, मुख्यमंत्री धामी ने की विमोचन की घोषणा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जुलाई 2024 में इस पुस्तक का विमोचन करने का ऐलान किया है, और अब शिक्षा विभाग ने इस पुस्तिका को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं।
परीक्षाओं में अंक विभाजन और समय सारणी का निर्धारण
नई पुस्तक के अंशों को अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा के मूल्यांकन में भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए अंक विभाजन और समय सारणी भी निर्धारित की जाएगी, ताकि छात्रों को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से अच्छे अंक मिल सकें।
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया नई शिक्षा नीति का महत्व
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को धार्मिक, ऐतिहासिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराना है, जिससे उन्हें महान विभूतियों के योगदान का महत्व समझ में आ सके।