
पर्यटन और शहरी विकास को नई गति देने की तैयारी, केंद्र सरकार को भेजा गया प्रस्ताव
उत्तराखंड सरकार ने राज्य के 12 प्रमुख शहरों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए 4100 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य शहरी अवस्थापना विकास को प्राथमिकता देना है, जिससे पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले।
सोमवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में उत्तराखंड अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी (UUSDA) की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।
12 शहरों का कायाकल्प: स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और सौंदर्यीकरण पर जोर
इस योजना के तहत पहले चरण में छह शहरों का चयन किया गया था। कुमाऊं क्षेत्र से काशीपुर, रुद्रपुर और चंपावत, जबकि गढ़वाल क्षेत्र से पौड़ी, गोपेश्वर और उत्तरकाशी को शामिल किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) से चर्चा के दौरान अतिरिक्त छह शहरों को योजना में शामिल करने का अनुरोध किया था, जिसे स्वीकृति मिल गई। हालांकि, शेष छह शहरों का चयन अभी किया जाना बाकी है।
हल्द्वानी को मिलेगा स्मार्ट शहर का दर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर जोर
बैठक में हल्द्वानी के लिए कुछ विशेष परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इनमें प्रशासनिक एवं बस टर्मिनल बिल्डिंग (ACBT) का निर्माण, सड़क चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण कार्य, स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम और इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) शामिल हैं।
ITMS के तहत हल्द्वानी में स्मार्ट ट्रैफिक लाइट, कैमरा निगरानी और डिजिटल ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे शहर को सुव्यवस्थित और पर्यावरण अनुकूल बनाया जा सके।
चारधाम यात्रा मार्ग पर 1000 करोड़ रुपये की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना को मंजूरी
उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा मार्ग पर बढ़ते कचरे की समस्या को हल करने के लिए 125 मिलियन डॉलर (लगभग 1000 करोड़ रुपये) की परियोजना को मंजूरी दी है।
इस योजना का उद्देश्य यात्रा मार्ग को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाना है। हर साल लाखों श्रद्धालुओं से उत्पन्न कचरे को वैज्ञानिक तरीके से निपटाने की योजना बनाई गई है। इस प्रस्ताव को भी केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग को भेजा गया है।
सख्त दिशा-निर्देश, समयबद्ध क्रियान्वयन पर जोर
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि सभी योजनाओं को गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि यह परियोजना उत्तराखंड को स्मार्ट और सुव्यवस्थित शहरी राज्य में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।
बैठक में सचिव नितेश झा, चंद्रेश यादव और बृजेश संत सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
उत्तराखंड सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से न केवल पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य के शहरी बुनियादी ढांचे को भी मजबूती मिलेगी। आने वाले वर्षों में उत्तराखंड के शहरों का स्वरूप स्मार्ट, आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल बनने की ओर अग्रसर होगा।