“सुप्रीम कोर्ट ने 5 साल ओर बढ़ा दिया डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन”
पहले दिल्ली में डीजल के वाहनों को 10 वर्ष से ज्यादा का रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति नहीं थी,
नई दिल्ली: (एजेंसी) डीजल वाहन चलाने वालों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल देश की शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट की ओर से डीजल वाहनों के पंजीकरण को लेकर बड़ा निर्देश जारी किया गया है। बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से राजधानी दिल्ली में एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से कई कदम उठाए गए हैं. डीजल वाहनों का पंजीकरण भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है।
दिल्ली में डीजल के वाहनों को 10 वर्ष से ज्यादा का रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति नहीं है. यानी अगर कोई डीजल वाहन खरीददता है तो वह दिल्ली की सड़कों पर इसे सिर्फ 10 वर्ष तक ही चला सकता है. हालांकि इस बीच सुप्रीम कोर्ट यानी देश की सर्वोच्च अदालत की ओर से एक बड़ी खबर सामने आई है. जी हां शीर्ष अदालत ने डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अवधि को 5 वर्ष तक बढ़ा दिया है. लेकिन बढ़ोतरी एसपीजी के खास वाहनों के लिए है। SC ने बढ़ाई डीजल वाहनों की रजिस्ट्रेशन अवधि
देश के सर्वोच्च अदाल की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है. इसके तहत स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी SPG को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा दस्ते में शामिल किए जाने वाले तीन खास डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अवधि को पांच वर्ष के लिए बढ़ा दिया है। दरअसल इसको लेकर एनजीटी की ओर से एक याचिका दाखिल की गई थी और इसमें मांग की गई थी कि डीजल वाहनों को लेकर जो नियम उसके मुताबिक 10 वर्ष में वाहनों को बंद किया जाए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के दौरान एसपीजी को राहत देते हुए तीन वाहनों के रजिस्ट्रेशन अवधि को बढ़ाने का निर्देश दे दिया.
किन डीजल वाहनों की बढ़ी अवधि
बता दें कि एसपीजी के सुरक्षा दस्ते में शामिल तीन बख्तरबंद विशेष वाहनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से बड़ा फैसला लिया गया. एससी ने एनजीटी को भी निर्देश दिया है इन वाहनों के पंजीकरण की अवधि को पांच वर्ष के लिए बढ़ाया जाए. इसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाए।
क्यों बढ़ाई गई डीजल वाहनों के पंजीकरण की अवधि
दरअसल कोर्ट की बेंच ने कहा कि ये व्हीकल खास सुरक्षा समूह की तकनीकी और साजो-सामान का अहम हिस्सा हैं. ऐसे में इन वाहनों के रजिस्ट्रेशन को आगे बढ़ाया जा सकता है. कोर्ट की बेंच ने एसपीजी के 3 व्हीकल के रजिस्ट्रेशन की अवधि को पूरे पांच वर्ष बढ़ा दिया।